US Stocks Skyrocket: डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से उच्च टैरिफ दरों पर 90 दिनों के लिए ब्रेक लगाने और चीन के सामानों पर 10 अप्रैल से 104% की जगह टैरिफ बढ़ाकर 125% करने के एलान के बाद अमेरिकी शेयर बाजार ने ऊंची उड़ान भरी. गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान यूएस स्टॉक मार्केट में एक दिन की सबसे बढ़त देखी गई.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, S&P 9.5% के ऊपरी स्तर पर बंद हुआ तो वहीं नैस्डेक 12% चढ़कर 100 अंक की बढ़त हासिल की. जबकि डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में करीब 7.9% की उछाल देखी गई. एक दिन में करीब 30 बिलियन शेयर का कारोबार किया गया, जो एक दिन का रिकॉर्ड आंकड़ा है.
S&P में सबसे बड़ी उछाल
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा, मैं 90 दिनों के लिए टैरिफ पर ब्रेक का आदेश देता हूं और इस दौरान तत्काल प्रभाव से 10% टैरिफ लागू रहेगा. हालांकि, ये ब्रेक चीन पर लागू नहीं होगा, बल्कि उसके ऊपर व्हाइट हाउस की तरफ से 125% टैरिफ लगाया जाएगा, जिसने अमेरिकी सामाानों पर 84% टैरिफ लगाया है.
S&P इंडेक्स में करीब 11% की उछाल देखने को मिला, जो नवंबर 2008 के वैश्विक संकट के बाद सबसे बड़ी उछाल है. यहां तक की 2010 में जो फ्लैस क्रैश हुआ था, उससे भी ज्यादा बढ़त है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, Goldman Sachs Group Inc.’s के शेयरों में करीब 17.34% कब जबरदस्त बढ़त देखी गई, जो S&P के रिकॉर्ड बढ़त से भी कहीं ज्यादा है.
90 दिनों के बाद पर सस्पेंस
बॉस्टन की वेल्थ मैनेजमेंट एक्सपर्ट गीना बोल्विन का कहना है कि ये वो महत्वपूर्ण पल है जिसका इंतजार था. कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं और इससे बाजार को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि 90 दिनों के बाद आगे क्या कुछ होगा ये सवाल अब भी बना हुआ है. गौरतलब है कि शुक्रवार को जेपी मॉर्गन जैसे बड़े बैंकों को नतीजे आने वाले हैं, जिससे कॉर्पोरेट अमेरिकी सेहत का वास्तविक पता चल पाएगा.
इधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि दुनियाभर के नेता यूएस के साथ व्यापार समझौता करने को बेताब हैं. उन्होंने कहा कि शुल्क घोषणा पर समझौता करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को नेशनल रिपब्लिकन कांग्रेस कमेटी के रात्रिभोज में कहा, ”मैं आपको बता रहा हूं, ये देश हमसे संपर्क कर रहे हैं. मेरे आगे नाक रगड़ रहे हैं.” गौरतलब है कि ट्रंप ने पिछले कुछ दिनों में विभिन्न देशों पर कई तरह के शुल्क लगाए हैं जिससे ग्लोबल ट्रेड वॉर की स्थिति पैदा हो गई है.