Afghanistan Taliban Moral Law: अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के दौरान लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता तेजी से सिमट रही है. 2023 अगस्त में लागू हुए मोरल लॉ ने देश में पर्सनल लाइफ, धार्मिक आचरण और रहन-सहन से जुड़ी आजादी को लगभग खत्म कर दिया. वाइस एंड वर्च्यू मंत्रालय (Ministry for the Promotion of Virtue and Prevention of Vice) की तरफ से लागू किए गए कानून में कई तरह के बैन शामिल हैं. इनमें महिलाओं के पब्लिक प्लेस पर बोलने पर प्रतिबंध, फेस कवर न करने पर सजा, पुरुषों की शेविंग और शादी समारोह में संगीत बजाने पर रोक आदि शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि मोरल लॉ के लागू होने के बाद शुरुआती 6 महीनों में कई लोगों को केवल दाढ़ी की लंबाई और मॉर्डन हेयर स्टाइल रखने की वजह से हिरासत में लिया गया. तालिबान में रमजान के दौरान धार्मिक आचरण और सामूहिक नमाज पर विशेष जोर दिया गया. उस वक्त, जो पुरुष मस्जिद नहीं गए, उन्हें भी हिरासत में लिया गया.
महिलाओं और व्यवसायों असर
इन मोरल कानूनों ने महिलाओं पर पहले से लागू शिक्षा, रोजगार और ड्रेस कोड प्रतिबंधों को और कठोर बना दिया है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि इस कानून का प्रभाव सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं है. इस कानून की वजह से निजी शिक्षा केंद्र बंद हो रहे हैं. हेयरड्रेसर और दर्जी का काम करने वाले लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. रेस्टोरेंट और शादी समारोह के आयोजन पर नियंत्रण किया जा रहा है. इन सब की वजह से आम नागरिकों की आय और रोजगार के अवसरों में भारी गिरावट देखी जा रही है. विश्व बैंक के अनुसार, केवल महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण अफगानिस्तान को हर साल $1.4 बिलियन का नुकसान हो सकता है.
तालिबानी सरकार का पक्ष
तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने पिछले महीने रमजान खत्म होने पर दिए गए संदेश में कहा था कि उनका उद्देश्य भ्रष्टाचार और बुराई से मुक्त समाज बनाना है. उनके अनुसार बुरे नैतिक आचरण को खत्म कर भविष्य की पीढ़ियों को गुमराह होने से बचाना जरूरी है.
प्रवक्ता सैफ उर रहमान खैबर के मुताबिक मंत्रालय न केवल कानून लागू कर रहा है, बल्कि लोगों की शिकायतों का समाधान भी कर रहा है. उनका दावा है कि वे इस्लाम और मानवाधिकार दोनों के लिए प्रतिबद्ध हैं.