Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में बुधवार (16 अप्रैल) को 5.6 तीव्रता का भूकंप आया है. यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (EMSC) ने बताया कि भूकंप का केंद्र 121 किमी (75 मील) की गहराई पर था. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप का केंद्र बगलान से 164 किमी पूर्व में था.
शुरुआती रिपोर्ट में भूकंप की तीव्रता 6.4 बताई गई थी, जिसे बाद में संशोधित कर 5.6 किया गया. अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटके का प्रभाव दिल्ली-एनसीआर सहित कुछ अन्य इलाकों में भी महसूस किया गया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर कई यूजर्स ने दावा किया कि दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद और आसपास के क्षेत्रों में भी हल्के झटके महसूस किए गए. हालांकि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है.
Anyone who felt the earthquake in Delhi?
— SHILPA KP (@kapoor_aamaya) April 15, 2025
क्यों संवेदनशील है अफगानिस्तान?
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (UNOCHA) के अनुसार अफगानिस्तान एक ऐसा देश है, जो लगातार प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन का सामना करता है. दशकों के संघर्ष और अविकसित बुनियादी ढांचे के कारण यहां प्राकृतिक आपदाओं से निपटने हेतु सुविधांए कम है.
हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला भूकंप का केंद्र
अफगानिस्तान के उत्तरी भाग में स्थित हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला को भूगर्भीय रूप से अत्यधिक सक्रिय क्षेत्र माना जाता है. रेड क्रॉस और अन्य एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार यहां हर साल कई बार भूकंप आते हैं, जिनमें से कुछ जानलेवा भी साबित होते हैं. इस क्षेत्र में भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव की वजह से भूकंपीय गतिविधि अधिक देखी जाती है. यही कारण है कि जब भी इस क्षेत्र में कोई मध्यम या उच्च तीव्रता का भूकंप आता है तो उसका प्रभाव भारत, पाकिस्तान, नेपाल और ताजिकिस्तान तक फैल सकता है.
क्या खतरे की आशंका है?
हालांकि 5.6 की तीव्रता वाला भूकंप बहुत विनाशकारी नहीं होता, लेकिन ज्यादा गहराई पर होने के बावजूद यह अफगानिस्तान के पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों में संवेदनशील घरों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा सकता है. अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटकों का असर भारत में हमेशा से सीमित ही रहा है, लेकिन भविष्य में अधिक तीव्रता वाले भूकंप की आशंका बनी रहती है.