संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 के परिणाम आने के बाद कई संघर्षों की कहानियां सामने आ रही हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के छोटे से कस्बे चंदेरी से ताल्लुक रखने वाले विवेक यादव की कहानी बेहद प्रेरणादायक और भावुक कर देने वाली है. रैंक 413 हासिल कर विवेक न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे एमपी का गर्व बने हैं.
चंदेरी जैसे छोटे शहर से निकलकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज तक का सफर और फिर वहां से UPSC तक पहुंचना आसान नहीं था. विवेक ने हिंदी माध्यम से तैयारी की और सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने एक ही प्रयास में प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू तीनों चरणों को पास कर लिया.
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मां ने ऐसे किया पालन पोषण
विवेक का परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं रहा. उनकी मां सिलाई मशीन चलाकर परिवार का पालन-पोषण करती थीं. कपड़े सिल-सिल कर उन्होंने न सिर्फ उन्हें पढ़ाया, बल्कि कभी हार नहीं मानी. विवेक की इस सफलता में उनकी मां का बहुत बड़ा योगदान है.
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यहां से ली शिक्षा
विवेक ने अपनी स्कूलिंग चंदेरी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर से की और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने हिस्ट्री ऑनर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री ली और फिर इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. वह पिछले तीन सालों से सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहे थे.
कभी नहीं मानी हार
पढ़ाई के दौरान कई आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन विवेक ने कभी हार नहीं मानी. विवेक की सफलता उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में बड़ा सपना देखते हैं. विवेक ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा क्रैक करने के लिए जी तोड़ मेहनत की और पहले प्रयास में ही सफलता प्राप्त की. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देने पर फोकस किया.
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