Nuclear Weapon: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत ने बदला ले लिया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के 9 ठिकानों को निशाना बनाते हुए उन्हें पूरी तरह से तबाह कर दिया है. इनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वॉर्टर और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का शिविर भी शामिल था.
भारत के हमले से बौखलाया पाकिस्तान
भारतीय सेना की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला गया है. पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए भारत के श्रीनगर, पठानकोट, अवंतीपुरा जैसे कई जगहों में हमला करने का प्रयास किया. दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने परमाणु युद्ध छिड़ने तक की भी धमकी दी है. हालांकि, भारत के पास भी परमाणु हथियार है. लेकिन आज हम आपको जिस देश के बारे में बताने जा रहे हैं उसके पास सबसे महंगा परमाणु बम है.
बेहद ताकतवर है यह परमाणु बम
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स की 1999 की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा शक्तिशाली परमाणु बम B61-12 अमेरिका के पास है. अमेरिका इस ग्रेविटी न्यूक्लियर बम B61-13 को साल 2026 तक बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है. सैंडिया नेशनल लेबोरेटरी B61-13 बम बना रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह बम हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 24 गुना ज्यादा ताकतवर है, जिसकी क्षमता 360 किलोटन है.
इतनी है बम की क्षमता
अमेरिका के नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (NNSA) ने कहा था कि इस बम में कई जापान को तबाह करने की क्षमता है. इस शक्तिशाली बम के गिराए जाने के कुछ ही घंटे के भीतर दस लाख लोगों की मौत हो जाएगी और 20 लाख लोग बुरी तरह से झुलस जाएंगे. वैसे तो B61-13 की कीमत 28 मिलियन डॉलर है, लेकिन इसके इस्तेमाल के लिए लॉन्च पैड, लॉन्च एयरक्राफ्ट्स के साथ मिसाइलों की भी जरूरत पड़ती है और इस तरह से कुल खर्च 2278 करोड़ रुपये बैठ रहा है.
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