Brian Thompson Murder: मिडटाउन मैनहट्टन के हिल्टन होटल के बाहर बुधवार (4 दिसंबर) सुबह यूनाइटेडहेल्थ की इंश्योरेंस यूनिट के सीईओ ब्रायन थॉम्पसन की गोली मारकर हत्या कर दी गई. न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट (NYPD) ने पुष्टि की कि सुबह लगभग 6:40 बजे एक 50 वर्षीय व्यक्ति को गोली मारी गई थी. उन्हें तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. हालांकि पुलिस ने नाम सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन कई रिपोर्टों ने पुष्टि की कि मृतक थॉम्पसन ही थे.
पुलिस जांच में ये सामने आया है कि हमला जानबूझकर किया गया था. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार संदिग्ध घटना से पहले इलाके में काफी समय से मौजूद था. संदिग्ध ने क्रीम रंग की जैकेट और ग्रे बैक पैक पहना हुआ था और गोली चलाने के बाद मौके से भाग गया. पुलिस अभी भी उसकी तलाश कर रही है.
निवेशक सम्मेलन के दौरान मारी गई गोली
घटना उस समय हुई जब यूनाइटेडहेल्थ का निवेशकों के लिए सम्मेलन मैनहट्टन में चल रहा था. सुबह करीब 9 बजे कार्यक्रम शुरू होने के एक घंटे बाद यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप के सीईओ एंड्रयू विटी ने इसे बंद करने की घोषणा की. उन्होंने कहा “हम अपने एक टीम सदस्य के साथ एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं इसलिए हमें ये कार्यक्रम अभी रोकना पड़ेगा.”
घटना स्थल पर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम
जानकारी के अनुसार घटनास्थल पर पुलिस ने 54वीं स्ट्रीट को घेर लिया है. वहां कई बुलेट के खोखे और प्लास्टिक ग्लव्स मिले जो मौके की गंभीरता को दिखाते हैं. होटल के पास काम करने वाले क्रिश्चियन डियाज ने बताया “सुबह 7 बजे गोली चलने की आवाज सुनना आम बात नहीं है. ये काफी डरावना था.”
ब्रायन थॉम्पसन का योगदान
ब्रायन थॉम्पसन जिन्होंने अप्रैल 2021 में यूनाइटेडहेल्थ के सीईओ का पद संभाला और वे 2004 से कंपनी के साथ जुड़े हुए थे. उनकी नेतृत्व क्षमता और सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण के लिए उन्हें काफी सम्मानित किया जाता था. मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज ने उनकी मौत पर शोक जताते हुए कहा “यह हेल्थकेयर और बिजनेस समुदाय के लिए बड़ी क्षति है.”
अमेरिका में हेल्थकेयर उद्योग की चुनौतियां
थॉम्पसन की हत्या ने अमेरिका के हेल्थकेयर सिस्टम और इसके सामने खड़ी चुनौतियों पर भी ध्यान खींचा है. हाल के वर्षों में यूनाइटेडहेल्थ की सहायक कंपनी में साइबर हैक और डेटा चोरी जैसी घटनाओं ने हेल्थकेयर उद्योग को झकझोर दिया था. ये घटना हेल्थकेयर में सुरक्षा और पारदर्शिता की बढ़ती जरूरत पर भी सवाल उठाती है.