Share Market: बीते शनिवार और रविवार को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई घटनाक्रमों के बाद सोमवार को शेयर बाजार तेजी के साथ खुला. इस दौरान बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का टोटल मार्केट कैप बढ़कर 427.84 लाख करोड़ रुपये हो गया. जबकि पिछले कारोबारी सेशन में यह 416.52 करोड़ रुपये पर बंद हुआ था. यानी कि बाजार खुलते ही निवेशकों की 11.32 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई.
हफ्ते के पहले कारोबारी सत्र की शुरुआत मजबूती के साथ हुई. बीएसई सेंसेक्स 2,015.54 अंक या 2.54 परसेंट बढ़कर 81,470.01 पर पहुंच गया. जबकि एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स 625.6 अंक या 2.60 परसेंट की उछाल के साथ 24,633.60 पर पहुंच गया. इंडिया विक्स 20 परसेंट से अधिक गिरकर 17.21 अंक पर आ गया है. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स का भी परफॉर्मेंस शानदार है. इनमें 3-3 परसेंट की वृद्धि हुई है. अब आइए जानते हैं कि मार्केट में आई इस तेजी के पीछे कौन सी खास वजहें हैं-
भारत-पाक के बीच युद्धविराम
सबसे पहले बड़ी वजह है भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर. दोनों देशों ने सीमा पर तनाव को कम करते हुए संघर्ष विराम पर सहमति जताई है. दोनों देशों की सेनाओं के डीजीएमओ के बीच आज फिर से बात हो सकती है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मेहता इक्विटीज के सीनियर वीपी (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मामला कुछ हद तक सुधरने से बेंचमार्क सूचकांकों में भारी उछाल आने की संभावना है.
अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समझौता
दूसरी बड़ी वजह है अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते पर बात. अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने रविवार को बताया कि जेनेवा में दो दिनों तक हुई उच्च स्तरीय वार्ता के बाद अमेरिका चीन के साथ व्यापार समझौते पर पहुंच गया है. इसके बारे में आज विस्तार से बताए जाने की उम्मीद है.
HDFC सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौते की घोषणा और अमेरिकी और चीनी अधिकारियों के बीच ट्रेड डील को लेकर हुई बातचीत की खबरों से आगे आने वाले समय में टैरिफ कम होने और कारोबार को बढ़ावा मिलने से निवेशकों का सेंटिमेंट मजबूत हुआ.
जंग खत्म होने की राह पर रूस-यूक्रेन
रूस और यूक्रेन के बीच बीते ढाई साल से चल रहे युद्ध पर भी अब जल्द विराम लगने के आसार हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 15 मई को इस्तांबुल, तुर्की में यूक्रेन के अपने समकक्ष वोलोडिमिर जेलेंस्की से यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार हो गए हैं. अगर इन दोनों देशों के बीच भी जंग पर विराम लग जाए, तो भू-राजनीतिक चिंताएं कुछ हद तक कम होंगी.
मानसून का वक्त से पहले दस्तक देना
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार, 11 मई को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 1 जून की सामान्य तिथि से पहले 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना है. यानी कि इससे समय से पहले खरीफ फसल की बुवाई में संभावित वृद्धि का संकेत मिलता है, जो भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है.
काबू में महंगाई
मार्केट की नजर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) जैसे प्रमुख आर्थिक संकेतकों पर है. लोगों का ऐसा मानना है कि आने वाले समय में महंगाई में और कमी आएगी. मंगलवार को जारी होने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के साथ निवेशकों की नजर अप्रैल में चीजों की कीमतों पर होगी, इसके चलते महंगाई का मुद्दा फोकस में रहने वाला है.
विदेशी निवेशकों का भरोसा
भारत-पाक तनाव के बीच भी विदेशी निवेशकों का देश के शेयर बाजारों पर भरोसा मजबूत रहा. इस महीने FPIs ने भारीतय शेयरों में 14,167 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
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