Tamil Nadu: चेन्नई के पास पल्लवरम से ऐसी घटना सामने आई है, जहां पर सीवेज का पानी पीने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई तो वहीं 23 अन्य बीमार पड़ गए हैं. तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने यह पुष्टि करने के लिए जांच के आदेश दिए हैं कि क्या पीने का पानी वास्तव में दूषित था. इस घटना के बाद से इलाके के लोगों से पाइप से आने वाला पानी न पीने को कहा गया है.
मलाइमेडु, मरिअम्मन कोविल स्ट्रीट और मुथलम्मन कोविल स्ट्रीट जैसे इलाकों में रहने वाले प्रभावित व्यक्तियों को इलाज के लिए क्रोमपेट सरकारी सामान्य अस्पताल और एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. लोगों ने आरोप लगाया है कि सीवेज मिला पानी पीने से उनको स्वास्थ्य समस्याएं हुई हैं. इस घटना ने इलाके की जलापूर्ति की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं.
‘मामले की हो रही जांच’
तमिलनाडु के मंत्री टीएम अनबरसन ने प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया और तत्काल एक चिकित्सा शिविर स्थापित करने का आदेश दिया. मंत्री ने कहा, “23 लोग बीमार पड़ गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि पीने का पानी दूषित था या नहीं. इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उनके खाए गए भोजन के कारण हुई हैं. अगर पानी दूषित होता, तो पूरा इलाका प्रभावित होता.”
हादसे की विपक्ष ने की निंदा
विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) ने मौतों पर दुख जताया. उन्होंने सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए सत्तारूढ़ डीएमके सरकार की निंदा की. ईपीएस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “लोगों को सुरक्षित पेयजल वितरित करना सरकार का कर्तव्य है. उन्हें सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए थी कि पीने के पानी और सीवेज पाइपों के बीच किसी भी तरह के संदूषण के बिना आपूर्ति की जा रही है, खासकर चक्रवात के आने के बाद.” उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “मैं एमके स्टालिन की सरकार की इस लापरवाही की कड़ी निंदा करता हूं, जिसने लोगों की जान जोखिम में डाल दी.”
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