ये करेंगे शांति की बात! मंच पर शहबाज शरीफ और मरियम नवाज के मंत्रियों ने आतंकियों को लगाया लगे

ये करेंगे शांति की बात! मंच पर शहबाज शरीफ और मरियम नवाज के मंत्रियों ने आतंकियों को लगाया लगे


Pakistan Terrorism: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले में जो देखने को मिला, उसने दुनिया के सामने पाकिस्तान सरकार और लश्कर ए तैयबा के आपसी गठजोड़ की तस्वीर को पूरी तरह साफ कर दिया. यह कोई आरोप नहीं था, बल्कि कैमरे में कैद हुईं वह तस्वीरें थीं, जहां पाकिस्तान सरकार के बड़े मंत्री और स्पीकर, आतंक के सबसे खतरनाक चेहरों के साथ मंच साझा कर रहे थे.

पाकिस्तान के खाद्य मंत्री मलिक रशीद अहमद खान और पंजाब विधानसभा के स्पीकर मलिक मोहम्मद अहमद ख़ान, जो शहबाज़ शरीफ और मरियम नवाज के करीबी माने जाते हैं, लश्कर के मंच पर आतंकी अमीर हमजा और सैफुल्लाह कसूरी के साथ बैठे थे. इनकी तस्वीरें और वीडियो, अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को गहराई से प्रभावित कर रहे हैं.

आतंकियों का किया स्वागत
आश्चर्य की बात यह रही कि इन नेताओं ने आतंकियों के आने से पहले मंच पर पहुंचकर स्वागत की जिम्मेदारी खुद उठाई. उन्होंने सैफुल्लाह कसूरी और हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद से गले मिलते हुए भाषण दिए, जिनमें इन आतंकियों को पाकिस्तान की रूपक छवि बताने का प्रयास किया गया.

मंच से दिया भारत विरोधी बयान और आतंक का महिमामंडन
लश्कर के मंच पर जो कुछ कहा गया, वह न केवल भारत के विरुद्ध जहर उगलने के बराबर था, बल्कि ग्लोबल आतंकियों को नायक की तरह पेश करने की शर्मनाक कोशिश भी थी. केंद्रीय मंत्री मलिक रशीद ने खुले मंच से घोषणा की कि पाकिस्तान की 24 करोड़ जनता ने आतंकी सैफुल्लाह कसूरी और हाफिज सईद का रूप धारण कर लिया है. इतना ही नहीं, मंच से यह भी ऐलान किया गया कि भारत की ओर से मुरीदके स्थित लश्कर के हेडक्वार्टर पर की गई स्ट्राइक में मारे गए लश्कर कमांडर मुदस्सिर के भाई को शहबाज सरकार नौकरी देगी.

सैफुल्लाह कसूरी को बताया हीरो
स्पीकर मलिक मोहम्मद अहमद ख़ान ने तो सैफुल्लाह कसूरी को “हीरो” तक घोषित कर डाला और हाफिज सईद के परिवार से अपने निजी संबंधों का बखान भी किया. यह पूरी कार्यवाही न केवल आतंक का महिमामंडन थी बल्कि यह दर्शाता है कि पाकिस्तान सरकार अब खुलकर आतंक का समर्थन कर रही है.

अमीर हमजा की खालिस्तान नारेबाज़ी और लश्कर-ISI गठजोड़
कार्यक्रम की सबसे गंभीर बात तब सामने आई, जब लश्कर के सह-संस्थापक और वैश्विक आतंकी अमीर हमजा ने मंच से खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए. यह घटनाक्रम पाकिस्तान के ISI और लश्कर के भारत-विरोधी एजेंडे को और अधिक स्पष्ट करता है. कुछ दिन पहले ISI के बहावलपुर स्थित सेफ हाउस में छिपे सैफुल्लाह कसूरी भी इस कार्यक्रम में सामने आया. पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माने जाने वाला यह आतंकी लगभग 24 मिनट तक भारत के विरुद्ध जहरीली तकरीर करता रहा.

नेताओं का नाम लेकर धन्यवाद
कार्यक्रम के अंत में जब सैफुल्लाह ने पाकिस्तान सरकार के नेताओं का नाम लेकर उन्हें धन्यवाद दिया, तब मंच पर मौजूद बॉडीगार्ड ने वीडियो बंद करने का संकेत दिया. यह इशारा साफ करता है कि पाकिस्तान सरकार अपने आतंक समर्थन को दिखाना नहीं चाहती, लेकिन उसे छिपा भी नहीं पा रही.



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