US Federal Court on Trump’s Tariffs: संयुक्त राज्य अमेरिका के एक फेडरल कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा और करारा झटका दिया है. फेडरल कोर्ट ने राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से दुनिया के कई देशों पर लगाए टैरिफ पर रोक लगा दी है. कोर्ट के इस फैसले ने ट्रंप की आर्थिक नीतियों के एक अहम हिस्से को झटका दिया है.
इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिस इमरजेंसी कानून का हवाला व्हाइस हाउस ने टैरिफ लगाने के लिए दिया था, वह राष्ट्र्पति को दुनिया के लगभग सभी देशों पर एकतरफा रूप से टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं देता है.
अमेरिका के मैनहट्टन में स्थित इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट ने कहा कि अमेरिकी संविधान के मुताबिक कांग्रेस को दुनिया के अन्य देशों के साथ व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं, जिसे अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के नाम पर यह अधिकार राष्ट्रपति को नहीं दिया जा सकता है. हालांकि, कोर्ट ने इस फैसले के कुछ ही देर बाद ट्रंप प्रशासन ने अपील दायर कर दी.
कोर्ट के फैसले के बाद अब क्या होगा?
दरअसल, फेडरल कोर्ट के फैसले के बाद अब व्हाइट हाउस के बाद सभी टैरिफ्स को रोकने के लिए ब्यूरोक्रेटिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए 10 दिन का समय है. हालांकि इनमें से अधिकांश मामलों में टैरिफ को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है.
वहीं, CBP के पूर्व शीर्ष अधिकारी जॉन लियोनॉर्ड ने बीबीसी से कहा, “अब यह मामला एक अपील प्रक्रिया से होकर गुजरेगा. ऐसे में अगर व्हाइट हाउस अपने अपील में हारता है तो अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन एजेंसी निर्देश जारी करेगी.”
हालांकि, उन्होंने कहा, “यह भी हो सकता है कि ऊपरी अदालतें ट्रंप के पक्ष में अधिक सहानुभूति रखती हों. लेकिन अगर सभी अदालतें इस फैसले का बरकरार रखती है, तो जिन भी बिजनेसपर्सन ने टैरिफ का भुगतान किया है, उन्हें भुगतान की गई राशि का ब्याज के साथ रिफंड की जाएगी. इसमें तथाकथित रेसिप्रोकल टैरिफ भी शामिल है.”