Fake Currency: देश में नकली नोटों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2024-25 की अपनी एनुअल रिपोर्ट में कहा, वित्त वर्ष 2025 में 500 रुपये के नकली नोटों (कुछ बैंकों को छोड़कर) की पहचान पिछले साल के मुकाबले 37.35 परसेंट बढ़कर 1,17,722 हो गई. यह संख्या पिछले छह सालों में सबसे अधिक है.
हालांकि, बैंकिंग सिस्टम पकड़े गए नकली नोटों का टोटल नंबर वित्त वर्ष 25 में घटकर 2,17,396 रह गई, जो पिछले साल 2,22,638 थी. इसके विपरीत, 2000 रुपये के नकली नोटों की संख्या में 86.5 परसेंट की भारी गिरावट आई है और यह वित्त वर्ष 24 में पांच साल के हाई लेवल 26,035 से घटकर 3,508 रह गया है. यह गिरावट 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट को प्रचलन से वापस लेने के आरबीआई के फैसले के बाद आई है.
30 अप्रैल, 2025 तक 6,266 करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट चलन में थे. रिपोर्ट के मुताबिक, 1 सितंबर तक 93 परसेंट से ज्यादा यानी कि 2000 के नोट के करीब 3.56 ट्रिलियन रुपये का एक बड़ा हिस्सा बैंक में जमा हो चुका है. कम वैल्यू वाले नकली नोट भी बाजार में चलन में है. 200 रुपये से कम मूल्य वाले जाली नोटों की संख्या 13.9 परसेंट बढ़कर 32,600 हो गई, जबकि 100 रुपये के जाली नोटों की संख्या लगभग 23 परसेंट घटकर 51,069 रह गई है. इस बीच, चलन में मुद्रा (CIC) – जो कि आरक्षित मुद्रा का 76.9 परसेंट है – वित्त वर्ष 2025 में 5.8 परसेंट बढ़कर सुधर गई, जबकि एक साल पहले यह 4.1 परसेंट थी.
प्रचलन में बैंक नोटों का वैल्यू और वॉल्यूम दोनों में क्रमश: 6 परसेंट और 5.6 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है. प्रचलन में मौजूद नोटों में 500 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है, जो वैल्यू के लिहाज से 86 परसेंट और वॉल्यूम के लिहाज से 40.9 परसेंट है. इसके बाद 10 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 16.4 परसेंट है. आरबीआई की रिपोर्ट में डिजिटली ट्रांजैक्शन में हुई वृद्धि का भी जिक्र किया गया.
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