‘बांग्लादेश में तोड़ी जा रहीं इंदिरा गांधी की मूर्तियां, PAK…’, PM से बोले शमिक भट्टाचार्य

‘बांग्लादेश में तोड़ी जा रहीं इंदिरा गांधी की मूर्तियां, PAK…’, PM से बोले शमिक भट्टाचार्य


सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार (10 जून) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. अब इस मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बीजेपी सांसद शमिक भट्टाचार्य का बयान आया है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी से बांग्लादेश को लेकर बात भी बात हुई है. बीजेपी सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री को डेलिगेशन को लेकर जानकारी दी. प्रधानमंत्री ने सबको ध्यान से सुना है. ऐसे डेलिगेशन जाते रहने चाहिए इसको लेकर भी बात हुई है. इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश पर हुई बात की जानकारी दी.

शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि मैने बांग्लादेश को लेकर प्रधानमंत्री से बात की है. पाकिस्तान बांग्लादेश का इस्तेमाल आतंक फैलाने में कर सकता है. बांग्लादेश में रेडिकल्स लोग बहुत हावी हो गए हैं. श्रीमती गांधी जिन्होंने बांग्लादेश बनाया उनके स्टेच्यू जहां हैं, उनको तोड़ा जा रहा है, इसको लेकर प्रधानमंत्री के संज्ञान में बात लाई है. 

बंगाल अब इस्लामिक रिपब्लिक बनता जा रहा-शमिक भट्टाचार्य
शमिक भट्टाचार्य से बताया कि प्रधानमंत्री ने भी इसको लेकर ध्यान देने को कहा है. वहीं ममता बैनर्जी पर बीजेपी सांसद ने कहा कि पहले वो मुर्शिदाबाद में जो हिंदुओं के मकान जमीन कब्जा हो गए हैं उनको छुड़ाकर दिखाएं. बंगाल अब इस्लामिक रिपब्लिक बनता जा रहा है. ममता बनर्जी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनके नेता भड़काऊ बयान दे रहे हैं, लेकिन अब वहां बदलाव होगा और इस चुनाव के बाद डबल इंजन की सरकार आएगी.  बता दें कि भारत के ओर से विदेश भेजे गए प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी सांसद शमिक भट्टाचार्य भी शामिल थीं. वो मंगलवार की रात प्रधानमंत्री आवास पर भी उनसे मुलाकात करने गई हुईं थी.

मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा
कलकत्ता हाईकोर्ट की तरफ से गठित जांच समिति ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में अप्रैल में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर एक गंभीर और चौंकाने वाली रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय पार्षद महबूब आलम ने हिंसा का नेतृत्व किया था. इस समिति का गठन 17 अप्रैल को हुआ था, जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का प्रतिनिधि,पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग का सदस्य और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का प्रतिनिधि शामिल थे. तीनों प्रतिनिधियों ने स्थानीय लोगों, पीड़ितों और पुलिस अधिकारियों से पूछताछ कर रिपोर्ट तैयार की थी.



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