विदेश सचिव विक्रम मिस्री मंगलवार (10 जून, 2025) को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी पहुंचे. उनकी ये यात्रा विदेश मंत्री एस जयशंकर और यूएई के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के बीच हुई बैठक का फॉलोअप थी, जो 13 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित हुई थी. ये जानकारी अबू धाबी में भारतीय दूतावास की तरफ से दी गई है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव मिस्री ने भारत और यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करने के लिए यूएई के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग राज्य मंत्री रीम अल हाशिम के साथ द्विपक्षीय बैठक की. चर्चा व्यापार, निवेश, ऊर्जा, संस्कृति, रक्षा, प्रौद्योगिकी, वाणिज्य दूतावास मामलों सहित विभिन्न क्षेत्रों में बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी के दायरे को बढ़ाने पर केंद्रित थी.
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर समर्थन के लिए जताया आभार
दोनों पक्षों ने आपसी हितों को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई. भारतीय दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि उन्होंने पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद यूएई नेतृत्व के दिए गए समर्थन और एकजुटता की सराहना की.
बयान के अनुसार विदेश सचिव ने यूएई के सहिष्णुता और सह-अस्तित्व मंत्री नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान से मुलाकात की. उन्होंने 4.3 मिलियन भारतीयों की देखभाल के लिए नाहयान को धन्यवाद दिया, जिन्होंने यूएई को अपना दूसरा घर बना लिया है.
विशेष रूप से विदेश सचिव ने यूएई संघीय राष्ट्रीय परिषद के सदस्य, विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष,अबू धाबी स्थित चरमपंथ और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए बनाए गए अंतर्राष्ट्रीय संचालन बोर्ड के अध्यक्ष अली राशिद अल नूमी के साथ भी बैठक की. इस बातचीत में आतंकवाद से मिलकर लड़ने के लिए दोनों देशों के साझा दृढ़ संकल्प को लेकर चर्चा की गई.
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