Iran Israel Conflict: शुक्रवार (13 जून, 2025) की सुबह इजरायल द्वारा ईरान के न्यूक्लियर प्लांट पर हमले के बाद आज संयुक्त राष्ट्र की परमाणु ऊर्जा की निगरानी करने वाली संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सामने पुष्टि की, कि ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र के भीतर इजरायल के सैन्य हमले के बाद रेडियोएक्टिव और केमिकल रिसाव हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए IAEA के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने यह भी जानकारी दी की ईरान के नतांज न्यूक्लियर प्लांट का ऊपरी हिस्सा, जहां ईरान 60% तक यूरेनियम समृद्ध कर रहा था वह पूरी तरह नष्ट हो चुका है साथ ही चेतावनी दी कि इस तरह के सैन्य हमलों के गंभीर और दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, जो न सिर्फ ईरान बल्कि पूरे आसपास के क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं.
परमाणु सुविधाओं को लेकर क्या बोले राफेल मारियानो ग्रॉसी?
IAEA के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कड़े शब्दों में कहा, “परमाणु सुविधाओं को किसी भी परिस्थिति में निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए साथ ही ऐसे सैन्य कदम जो परमाणु स्थलों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं, वे क्षेत्रीय संकट को जन्म दे सकते हैं जो नियंत्रण से बाहर हो सकता है”
UNSC को ब्रीफ करते हुए IAEA प्रमुख ने यह स्पष्ट किया कि संयंत्र से बाहर कोई रेडियोधर्मी या रासायनिक रिसाव नहीं फैला है, जिससे आम नागरिक सुरक्षित हैं, लेकिन संयंत्र के भीतर गंभीर रेडियोएक्टिव और केमिकल कंटामिनेशन फैल चुका है.
IAEA के महानिदेशक ने कही ये बड़ी बात
IAEA के प्रमुख ने आज संयुक्त राष्ट्र को यह भी जानकारी दी कि ईरानी अधिकारियों से IAEA को ईरान दो अन्य प्लांटों के बारे पता चला है जो कि फोर्दो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट और इस्फ़हान स्थित प्लांट है जहां पर भी सैन्य हमलों की जानकारी मिली है, हालांकि इन दोनों स्थानों की स्थिति पर पूरी जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है. साथ ही IAEA प्रमुख के मुताबिक़ वह जल्द से जल्द क्षेत्र की यात्रा करने को तैयार हैं ताकि वे हालात का स्वतंत्र मूल्यांकन कर सकें और परमाणु सुरक्षा और शांति स्थापना की दिशा में मदद कर सकें.
स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए ग्रॉसी ने कहा, ईरान, इजरायल और पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एकमात्र स्थायी रास्ता संवाद और कूटनीति पर आधारित होना चाहिए, जिससे शांति, स्थिरता और सहयोग सुनिश्चित किया जा सके साथ ही IAEA को एक निष्पक्ष मंच के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा, तथ्यों को राजनीतिक बयानबाजी से ऊपर रखा जाना चाहिए और IAEA एजेंसी तकनीकी संवाद और पारदर्शिता के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए तैयार है.