‘आतंक के खिलाफ समर्थन के लिए आभार, नया अध्याय लिखने का स्वर्णिम अवसर’, साइप्रस में बोले PM मोदी

‘आतंक के खिलाफ समर्थन के लिए आभार, नया अध्याय लिखने का स्वर्णिम अवसर’, साइप्रस में बोले PM मोदी


PM Narendra Modi in Cyprus: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया. पीएम मोदी ने क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म के विरुद्ध भारत की लड़ाई में साइप्रस के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष को लेकर भी चिंता व्यक्त की.

साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मैं भव्य स्वागत और आतिथ्य सत्कार के लिए राष्ट्रपति का हृदय से धन्यवाद करता हूं. जब से मैंने साइप्रस की धरती पर कदम रखा है, तब से यहां के राष्ट्रपति और यहां के लोगों ने जो अपनापन और स्नेह दिखाया है, वह सीधे दिल को छू गया. अभी कुछ देर पहले ही मुझे साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किया गया. यह सम्मान केवल मेरा नहीं, 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. यह भारत और साइप्रस की अटूट मित्रता की मुहर है. इसके लिए मैं एक बार फिर हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.

भारत-साइप्रस एक-दूसरे की संप्रभुता और अखंडता का करते हैं सम्मान- पीएम मोदी

उन्होंने कहा, “हम साइप्रस के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देते हैं. लोकतंत्र और रूल ऑफ लॉ जैसे मूल्यों में साझा विश्वास हमारी साझेदारी के मजबूत आधार हैं. भारत और साइप्रस की मित्रता न परिस्थितियों से बनी है और न ही सीमाओं से बंधी है. यह समय की कसौटी पर बार-बार परखी गई है और समय के हर दौर में हमने सहयोग, सम्मान और समर्थन की भावनाओं को जीवंत रखा है. हम एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं.”

भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर हुई व्यापक चर्चा

पीएम मोदी ने कहा, “दो दशक से भी लंबे अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस यात्रा हो रही है. यह आपसी संबंधों में एक नया अध्याय लिखने का स्वर्णिम अवसर है. आज राष्ट्रपति और मैंने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की. साइप्रस के ‘विजन 2035’ और ‘विकसित भारत 2047’ के कई पहलुओं में समानता है, इसलिए हम साथ मिलकर भविष्य को आकार देंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “अपनी साझेदारी को सामरिक दिशा देने के लिए हम अगले पांच वर्षों के लिए एक ठोस रोडमैप बनाएंगे. रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूती देने के लिए द्विपक्षीय ‘डिफेंस को-ऑपरेशन प्रोग्राम’ के तहत रक्षा उद्योग पर बल दिया जाएगा. साइबर और मैरीटाइम सिक्योरिटी पर अलग से डायलॉग शुरू किया जाएगा.”

यूरोपियन यूनियन में साइप्रस भारत का विश्वसनीय पार्टनर- पीएम मोदी

उन्होंने कहा, “क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म के विरुद्ध भारत की लड़ाई में साइप्रस के सतत समर्थन के हम आभारी हैं. आतंकवाद, ड्रग्स और आर्म्स की तस्करी की रोकथाम के लिए, हमारी एजेंसी के बीच रियल टाइम इंफॉर्मेशन एक्सचेंज का मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा. साइप्रस में योग और आयुर्वेद के प्रसार को देखकर हम उत्साहित हैं. भारतीय टूरिस्टों के लिए भी साइप्रस एक पसंदीदा डेस्टिनेशन है. उनके लिए डायरेक्ट एयर कनेक्टिविटी बनाने पर जोर दिया जाएगा. हमने निश्चय किया है कि मोबिलिटी एग्रीमेंट को पूरा करने के लिए जल्द काम किया जाएगा. यूरोपियन यूनियन में साइप्रस हमारा विश्वसनीय पार्टनर है.”

भूमध्य सागर क्षेत्र के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने पर हमने की चर्चा- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यूएन को समकालीन बनाने के लिए जरूरी रिफॉर्म्स को लेकर हमारे विचारों में समानता है. साइप्रस की ओर से सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए हम आभारी हैं. पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे कॉन्फ्लिक्ट को लेकर हम दोनों ने चिंता व्यक्त की है. इनका नकारात्मक प्रभाव सिर्फ उन क्षेत्रों तक सीमित नहीं है.”

उन्होंने कहा, “हम दोनों मानते हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है, संवाद से समाधान और स्थिरता की बहाली, ये मानवता की पुकार है. भूमध्य सागर क्षेत्र के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी हमने बात की. हम सहमत हैं कि इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर से क्षेत्र में शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा.”



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