सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 जून, 2025) को मद्रास हाईकोर्ट के उस निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई, जिसमें तमिलनाडु पुलिस को अपहरण के एक मामले में एडीजीपी एचएम जयराम (सशस्त्र पुलिस) को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था.
जस्टिल उज्जल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने कहा कि वह बुधवार को याचिका पर सुनवाई करेगी. इससे पहले एक वकील ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट के उस निर्देश के खिलाफ अपील दायर की है, जो एक इकबालिया बयान पर आधारित था.
वकील ने कहा, ‘कल हाईकोर्ट के निर्देश पर एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया गया था. मैंने आज सुबह 10 बजे विशेष अनुमति याचिका दायर की ह. कृपया मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें.’ पीठ ने कहा, ‘ठीक है. हम कल इस पर सुनवाई करेंगे.’
सोमवार को हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से तमिलनाडु पुलिस को अपहरण के एक मामले में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) रैंक के एक अधिकारी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था.जयराम (सशस्त्र पुलिस) को अदालत परिसर से बाहर आने के बाद गिरफ्तार किया गया.
हाईकोर्ट के जस्टिस पी वेलमुरुगन ने विधायक एम जगन मूर्ति की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया, जिन्होंने मामले में गिरफ्तारी की आशंका जताई थी. वह किल्वैथिनंकुप्पम (अनुसूचित जाति) सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और एक संगठन के प्रमुख हैं.
न्यायाधीश ने विधायक पर भी कड़ी नाराजगी जताई. सोमवार को जब मामला सुनवाई के लिए आया, तो न्यायाधीश ने पुथिया भारतम काची के नेता मूर्ति और एडीजीपी जयराम को मौखिक रूप से दोपहर में अदालत में पेश होने के लिए बुलाया। अपहरण में कथित तौर पर जयराम की सरकारी गाड़ी इस्तेमाल किया गया था. दोनों अदालत में पेश हुए.
अपने संक्षिप्त आदेश में न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि दो आरोपियों ने एडीजीपी के खिलाफ इकबालिया बयान दिया है, इसलिए उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए. न्यायाधीश ने मामले की आगे की सुनवाई 26 जून को करना तय किया.