Iran-Israel War: ईरान और इजरायल के बीच लड़ाई का आज सातवां दिन है. इसी के साथ भारत के लिए तेल की सप्लाई कम होने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल की कीमत पर असर पड़ने वाला है. भारत अपने कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 80 परसेंट कुवैत, कतर, इराक, सऊदी अरब जैसे देशों से आयात करता है. ऐसे में ईरान इजरायल के बीच जंग के चलते मिडिल ईस्ट से तेल की सप्लाई रूकने का खतरा बढ़ता जा रहा है.
पहले पाकिस्तान के रास्ते भारत आता था ड्राई फ्रूट्स
सिर्फ तेल ही नहीं, इस संघर्ष का असर भारत में सप्लाई होने वाले ड्राई फ्रूट्स पर भी पड़ने वाला है. भारत अफगानिस्तान से किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, खुबानी, जैसे सूखे मेवे का आयात करता है. भारत ईरान से भी खजूर, मामरा बादाम, पिस्ता जैसे सूखे मेवे मंगाता है.
पहले अफगानिस्तान पाकिस्तान के रास्ते भारत में सूखे मेवे भेजता था, लेकिन हाल के दिनों में पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अब अफगानिस्तान ईरान के चाबहार बंदरगाह से भारत में ड्राई फ्रूट्स भिजवाता है. अब ईरान और इजरायल के बीच जंग होने की वजह से सूखे मेवों की आपूर्ति रूक गई है. इससे दिल्ली के थोक बाजारों में सूखे मेवों के दाम पांच से दस गुना तक बढ़ गए हैं.
दुबई के रास्ते भारत में पहुंचाए जाते सूखे मेवे
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान से आयात किए जाने वाले सूखे मेवे अधिकतर दुबई के रास्ते से भारत पहुंचाए जाते थे. दरअसल, ईरान की सीमा अफगानिस्तान के साथ है इसलिए परिवहन आसान होने की वजह से पहले अफगानिस्तान से सूखे मेवे ईरान भेजे जाते हैं और फिर यहां से दुबई सहित अन्य देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं.
दुबई एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र हैं. यहां के कारोबारी बड़ी संख्या में वेयरहाउस बना रखे हैं और यहीं से भारतीय कारोबारियों को सूखे मेवों की सप्लाई की जाती है. दिल्ली किराना कमेटी के महासचिव धीरज वी. सिंधवानी कहते हैं, ईरान से ड्राई फ्रूट्स की सप्लाई कम हुई है, अगर जल्द यह बहाल न हुई, तो आने वाले महीनों में सूखे मेवों के दाम बढ़ सकते हैं.
ईरान से ये सारी चीजें भी मंगाता है भारत
सिर्फ ड्राई फ्रूट्स और तेल ही नहीं, भारत ईरान से नमक, सल्फर, मिट्टी, पत्थर, प्लास्टर, चूना और सीमेंट, खनिज ईंधन, प्लास्टिक और उसके बने प्रोडक्ट्स, लोहा और इस्पात, ऑर्गेनिक केमिकल्स गोंद, रेजिन और लाह जैसे प्रोडेक्ट भी मंगाता है.
भारत और ईरान के बीच व्यापार
भारत ने मार्च 2025 में ईरान को 130 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सामान भेजे और 43 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सामान मंगाए. पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले ईरान के लिए एक्सपोर्ट 88.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 41.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है. यानी कि महज एक साल में कारोबार में 47.1 परसेंट का उछाल आया है. हालांकि, ईरान से आयात 56.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर से 23.6 परसेंट घटकर 13.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है.
ये भी पढ़ें: