HBD Financial Services IPO: HBD फाइनेंशियल सर्विसेज का आईपीओ 25 जून को ओपन हो रहा है. हालांकि, 12,500 करोड़ रुपये के इस इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) से 49,336 शुरुआती निवेशकों को 48 परसेंट तक नुकसान होने का खतरा है.
इतने नुकसान की है उम्मीद
19 जून को दाखिल इसके लेटेस्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) से इसका खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक, 19 जून, 2025 तक इसके 49,553 इंडिविजुअल शेयरहोल्डर्स के पास HDB Financial में पहले से ही हिस्सेदारी थी. कंपनी के अनलिस्टेड फेज में इन्होंने 1,200 रुपये से लेकर 1,350 रुपये के रेंज में शेयर खरीदे थे. अब जब IPO की कीमत 700-740 रुपये प्रति शेयर है, तो इससे शुरुआती निवेशकों को 38-48 परसेंट तक का नुकसान झेलना पड़ सकता है.
करोड़ों का लगेगा झटका
इसका मतलब है कि अगर आईपीओ ऑफर प्राइस बैंड के करीब लिस्ट होता है, तो शेयर खरीदने वाले व्यक्ति का इंवेस्टमेंट वैल्यू आधा रह जाएगा. ऐसे में अगर इंडिविजुअल इंवेस्टर्स ने 1,250 रुपये प्रति शेयर की रेट पर 1 करोड़ शेयर खरीदे थे, तो उनका कुल निवेश 1,250 करोड़ रुपये बैठता है. अब आईपीओ का अपर प्राइस बैंड 740 रुपये है, तो लिहाजा शेयर की वैल्यू भी 1,250 करोड़ रुपये से घटकर 740 रुपये हो जाएगी. यानी कि टोटल 510 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.
IPO में 2500 करोड़ का फ्रेश इश्यू
HBD के इस आईपीओ में 2,500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और और पैरेंट कंपनी HDFC बैंक लिमिटेड द्वारा 10,000 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल है, जो ऑफर-फॉर-सेल (OFS) विंडो के तहत 13.51 करोड़ शेयर बेच रहा है. HDFC ने 46.4 रुपये की कीमत पर ये शेयर खरीदे थे और अगर IPO 740 के अपर प्राइस बैंड पर लिस्ट होता है, तो बैंक को 9,373 करोड़ रुपये (टैक्स से पहले) का मुनाफा होगा.
बता दें कि HBD फाइनेंशियल सर्विसेज की आईपीओ लाने की पीछे वजह RBI की गाइडलाइन है. RBI के अक्टूबर 2022 के सर्कुलर में कहा गया है कि अपर लेयर की कैटेगरी वाले किसी भी NBFCs के लिए शेयर बाजार में लिस्ट होना जरूरी है. इसकी डेडलाइन सितंबर, 2025 तक की है. इस इश्यू के लिए निवेशक 27 जून तक बोली लगा सकेंगे.
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