Pakistan On OIC: इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की तुर्किए के इस्तांबुल में आयोजित विदेश मंत्रियों की बैठक का इस्तेमाल हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान ने झूठ फैलाने, मुस्लिम देशों को गुमराह करने, कश्मीर और सिंधु जल समझौते का राग अलापने के लिए किया. ऐसे में आइए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में बोले गए पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इश्क डार के एक-एक झूठ को बेनकाब करते हैं.
OIC में अपने भाषण में पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इश्क डार ने दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद से पीड़ित मुल्क है और तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) और इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISKP) जैसे आतंकी संगठन उसके पड़ोसी देश (अफगानिस्तान) की जमीन से ऑपरेट हो रहे हैं. जबकि सच ये है कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) पाकिस्तान के किसी पड़ोसी देश की जमीन से नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तूनख्वाह (KPK) प्रांत के चित्राल, उत्तरी वजीरिस्तान और दक्षिणी वजीरिस्तान इलाक़े के मीरानशाह, मकीन, लाढ़ा और वाना से ऑपरेट हो रहा है, इसी तरह इस्लामिक स्टेट खोरासान (ISKP) भी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के माष्टुंग इलाके से ऑपरेट हो रहा है और यही पर ISKP का ट्रेनिंग कैम्प है.
बड़े आतंकवादियों का रखवाला पाकिस्तान
खुद को आतंकवाद से पीड़ित बता कर मुस्लिम देशों को गुमराह करने वाले पाकिस्तान के लाहौर और कसूर में आज भी सैफुल्लाह कसूरी, फैसल नदीम, चौधरी मुहम्मद सरवर जैसे लश्कर ए तैयबा के टॉप कमांडर खुले घूम रहे हैं, जो भारत और अमेरिका दोनों के घोषित आतंकी हैं. इस तरह जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर, उसका भाई तल्हा अल सैफ आज भी पाकिस्तान में ISI के सेफ हाउस में सेना की सुरक्षा में छिपे हैं और जम्मू के सुंजवान आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मौलाना मसूद इलयास कश्मीरी भी पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर के रावलकोट में जैश ए मोहम्मद का ट्रेनिंग कैंप ऑपरेट कर रहा है.
भारत के खिलाफ पाकिस्तान का झूठा दावा
OIC के मंच पर वैसे तो पाकिस्तानी विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इश्क डार ने अपने बयान में कई झूठ बोले, लेकिन हद तब हो गई जब इश्क डार ने झूठा प्रोपेगंडा फैलाते हुए दावा किया कि भारत के साथ 4 दिन तक चले संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया था और 6 लड़ाकू विमान गिराए थे, इन दोनों दावों के आज संघर्ष विराम होने के डेढ़ महीने बाद भी पाकिस्तान ना कोई सबूत दे पाया है और ना ही भारतीय एयरबेसो को नुकसान पहुंचाने की सैटेलाइट तस्वीरें पेश कर पाया है. हां एडिटेड सैटेलाइट तस्वीरे ISI के बॉट सोशल मीडिया अकाउंट्स ने कई बार फैलाई, लेकिन हर बार ये पकड़ में आ गई.
पाकिस्तान ने कश्मीर का राग अलापा
इस्तांबुल में OIC का 51 वां सम्मेलन था और हर बार की तरह ही इस बार भी पाकिस्तान ने OIC में पाकिस्तान ने कश्मीर का राग अलापा और गाजा के साथ कश्मीर को जोड़ कर उसके अंतरराष्ट्रीयकरण करने की भी कोशिश की. हालांकि इस बार पाकिस्तान के पिटारे में एक और विषय था सिंधु जल संधि जिसे भारत ने अनिश्चितकाल काल के लिए पाकिस्तान की आतंक के समर्थन की नीति की वजह से रोक दिया है. पाकिस्तान ने OIC में सिंधु जल समझौते के बारे में बोलते हुए फिर से गीदड़ भभकी दी कि अगर भारत पाकिस्तान के हिस्से का पानी रोकेगा तो इसे पाकिस्तान Act of War मानेगा.
पाकिस्तान ने OIC के मंच पर इस्लामोफोबिया पर बोला
पाकिस्तान ने OIC के मंच पर Islamophobia (मुसलमानों के प्रति पूर्वाग्रह से पीड़ित होकर घृणा या फिर हिंसा या फिर मानवाधिकार उल्लंघन) का भी मुद्दा उठाया और मुस्लिम देशों से कहा की इस्लामोफोबिया आज के समय की सबसे गंभीर मानवाधिकार चुनौतियों में से एक है, लेकिन पूरी दुनिया में अगर सबसे किसी देश ने मुसलमानों के साथ भेदभाव किया है या फिर कर रहा है तो वो पाकिस्तान ही है. इसी महीने हुए मुसलमानों के ईद अल अदहा त्योहार के दौरान पाकिस्तान की सरकार ने ईद अल अदहा की नमाज़ पढ़ने वाले मुसलमानों को नमाज पढ़ने के जुर्म में लाहौर में स्थित उनकी मस्जिद से बाहर निकाल कर गिरफ्तार कर लिया था साथ ही अहमदिया मुसलमानों के ईद अल अदहा की नमाज़ पढ़ने और कुर्बानी करने तक पर प्रतिबंध लगा दिया था.
पाकिस्तान का मुसलमानों के साथ भेदभाव
पाकिस्तान किस तरह से मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है उसका बड़ा उदाहरण उसका ही खुद का संविधान है जिसके तहत कोई भी अहमदिया मुसलमान इस्लामी आस्थाओं, त्योहारों और रिवाजों का पालन नहीं कर सकता. इस्लामी अभिवादन “अस-सलाम-अलैकुम” का प्रयोग नहीं कर सकता और अगर करता है यहां तक की खुद को मुसलमान नहीं कह सकता और अगर करता है तो उस अहमदिया मुसलमान को तीन साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है. ऐसे में OIC में दिया गया पाकिस्तानी विदेश मंत्री एवं उप प्रधानमंत्री इश्क डार का भाषण मुस्लिम देशों को गुमराह करने और झूठे तथ्य अंतरराष्ट्रीय मंच पर फैलाने के अलावा और कुछ नहीं था.