Iran On IAEA: ईरानी संसद ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग निलंबित करने के विधेयक को मंजूरी दे दी है. रॉयटर्स ने नूरन्यूज के हवाले से इस बात की जानकारी दी है. मामले पर तेहरान के तस्नीम समाचार एजेंसी ने सोमवार (22 जून 2025) को समिति के प्रवक्ता इब्राहिम रेजाई का हवाला देते हुए बताया कि विधेयक के अनुसार, निगरानी कैमरे लगाना, निरीक्षण की अनुमति देना और IAEA को रिपोर्ट पेश करना तब तक निलंबित रहेगा, जब तक परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती. हालांकि, इस संबंध में संसद को अभी भी एक पूर्ण सत्र में विधेयक को मंजूरी देनी है.
ईरान और IAEA के बीच संबंध 2000 के दशक की शुरुआत से ही तनावपूर्ण रहे हैं, विशेषकर 2015 में हुए Joint Comprehensive Plan of Action (JCPOA) यानी ईरान परमाणु समझौते के बाद कुछ राहत मिली थी. हालांकि, 2018 में अमेरिका के इस समझौते से बाहर निकलने के बाद, ईरान ने कई शर्तों का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम संवर्धन बढ़ा दिया. IAEA के कैमरे और निरीक्षण ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर निगरानी का एकमात्र भरोसेमंद स्रोत रहे हैं. अब इस विधेयक के आने से यह स्पष्ट है कि ईरान पारदर्शिता से पीछे हटने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है.
Iran’s parliament has passed a bill halting cooperation with the IAEA.
The measure will bar IAEA inspectors from accessing Iran until the security of its nuclear facilities is ensured. pic.twitter.com/f2cMSAWHkN
— Seyed Mohammad Marandi (@s_m_marandi) June 25, 2025
ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला
ईरान-इजरायल युद्ध के दौरान अमेरिका और इजरायल ईरान न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया. इस्फान, फोर्डो और नतांज पर हमला कर तबाह किया. इस पर अमेरिका ने दावा किया उन्होंने सारे मैटेरियल बर्बाद कर दिया. हालांकि, ईरान ने इसको मानने से इंकार कर दिया. वहीं अमेरिकी उप राष्ट्रपति ने बयान दिया कि ईरान के पास इतना सामान बचा हुआ है कि वह 9 परमाणु बम बना सकता है.