यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस के एयर डिफेंस सिस्टम S-400 को भेद लिया है. S-400 हवाई हमलों से बचाने के लिए अहम हथियार है और भारत समेत कई देशों ने उससे यह हथियार खरीदा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 पाकिस्तान के हमलों को रोकने में कामयाब रहा था. हालांकि, यूक्रेन के इन दावों से भारत समेत उन सभी देशों की टेंशन बढ़ सकती है, जिनके पास ये एयर डिफेंस सिस्टम है.
द कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन की खुफिया एजेंसी एचयूआर ने बताया कि यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के कब्जे वाले क्रीमिया के एयर डिफेंस उपकरणों पर हमला किया, जिसमें रडार यूनिट तबाह हो गईं और S-400 डिफेंस सिस्टम के घटकों को नुकसान पहुंचा है. एचयूआर ने टेलीग्राम पर हमले का वीडियो फुटेज भी पोस्ट किया है. क्रीमिया साल 2014 में रूस के कब्जे के बाद से उसके लिए अहम रहा है.
एचयूआर ने आत्मघाती ड्रोन से क्रीमिया में S-400 को निशाना बनाया. हमले में दो 91N6E बिग बर्ड रडार को नष्ट कर दिया गया, जो वॉर्निंग सिस्टम के तौर पर रूस के S-400 एयर डिफेंस नेटवर्क के साथ जुड़ते हैं. एचयूआर के अनुसार दो मल्टीफंक्शनल 92N2E, दो 91N6E डिटेक्शन रडार और S-400 लॉन्चर भी ड्रोन हमलों में तबाह हुए हैं.
एचयूआर ने कहा कि रडार एयर डिफेंस सिस्टम की आंखें होती हैं, जिनके बगैर ये अप्रभावी रहते हैं. 91N6E बिग बर्ड को S-400 की रीढ़ माना जाता है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों से लेकर स्टेल्थ विमानों जैसे हवाई खतरों की जानकारी देने के लिए डिजाइन किया गया है.
भारत ने रूस से हाल ही में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी पर बात की है. 26-27 जून को चीन के किंगदाओ में हुए शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) सम्मेलन से इतर राजनाथ सिंह की रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोसोव से मुलाकात हुई, जिसमें S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई, SU-30 MKI अपग्रेडेशन और अन्य हथियारों की खरीद को लेकर चर्चा हुई.
साल 2018 में भारत ने रूस के साथ S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत भारत को 2023 तक पांच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम दिए जाने थे, लेकिन रूस और यूक्रेन की जंग शुरू हो गई और डिफेंस सिस्टम की डिलीवर नहीं हो सकी. भारत के पास इस वक्त तीन S-400 स्कवाड्रन हैं, जो पाकिस्तान और चीन के खतरों से रोकने के लिए उत्तर पश्चिम और पूर्व में तैनात हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सेना के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया कि किंगदाओ में रूसी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह को 2027 तक दो और S-400 स्कवाड्रन की डिलीवरी का भरोसा दिया है, इनमें से एक 2026 तक और दूसरा 2027 तक भारत पहुंच जाएगा.