‘ध्यान भटकाने की कोशिश’, पाकिस्तान ने वजीरिस्तान अटैक में घसीटा नाम तो भड़का भारत, सुना दीं खरी

‘ध्यान भटकाने की कोशिश’, पाकिस्तान ने वजीरिस्तान अटैक में घसीटा नाम तो भड़का भारत, सुना दीं खरी


India-Pakistan Relations: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के वजीरिस्तान इलाके में हुए आत्मघाती हमले के लिए भारत को दोषी ठहराने की पाकिस्तान की कोशिशों को नई दिल्ली ने शनिवार (28 जून 2025 को सिरे से खारिज कर दिया. इस हमले में पाक सेना के कम से कम 13 जवान मारे गए और 24 घायल हो गए. 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमने पाकिस्तानी सेना का आधिकारिक बयान देखा है, जिसमें 28 जून को वजीरिस्तान में हुए हमले के लिए भारत को दोषी ठहराया गया है. हम अवमानना योग्य इस बयान को पूरी तरह से खारिज करते हैं. ये पाकिस्तान की ध्यान भटकाने की कोशिश है.”

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आत्मघाती हमला

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार को एक आत्मघाती हमले में सुरक्षा बल के कम से कम 13 कर्मियों की मौत हो गयी. पाक सेना की मीडिया इकाई ने यह जानकारी दी. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने एक बयान में कहा, “आतंकवादियों ने योजनाबद्ध और सुनियोजित एक कायरतापूर्ण हमला किया था, जिसमें उन्होंने उत्तरी वजीरिस्तान जिले के मीर अली क्षेत्र में सुरक्षा बलों के काफिले को निशाना बनाया.” ISPR के मुताबिक शनिवार सुबह खड्डी गांव में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को बम निरोधक इकाई के माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड (MRAP) वाहन से टकरा दिया. उसने बताया कि हमले में महिलाओं और बच्चों सहित 14 असैन्य कर्मी घायल हो गए, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई गई है.

उत्तरी वजीरिस्तान में सबसे घातक घटनाएं

सूत्रों ने बताया कि घटना के समय सैन्य आवाजाही के कारण इलाके में कर्फ्यू लगाया गया था. सुरक्षा एजेंसियों ने विस्फोट के बाद राहत अभियान शुरू किया है. उन्होंने बताया कि हाफिज गुल बहादुर समूह से जुड़े आतंकवादी समूह उसुद अल-हरब ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की है. मुख्यमंत्री ने कहा, “हम उन बहादुर सुरक्षाकर्मियों और उनके परिवारों को सलाम करते हैं जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है.”

इस घटना को हाल के महीनों में उत्तरी वजीरिस्तान में सबसे घातक घटनाओं में से एक बताया जा रहा है और इसने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. नवंबर 2022 में सरकार और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के टूटने के बाद, पाकिस्तान में विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है.

ये भी पढ़ें:  तेलंगाना में कौन बनेगा बीजेपी का चीफ? राजा सिंह भी दावेदार, एक जुलाई को होगी वोटिंग





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *