‘आतंकवादियों को कोई छूट नहीं, एक साथ आए दुनिया’, यूएन मुख्यालय में एस जयशंकर ने पाकिस्तान को जम

‘आतंकवादियों को कोई छूट नहीं, एक साथ आए दुनिया’, यूएन मुख्यालय में एस जयशंकर ने पाकिस्तान को जम


S Jaishankar on Terrorism: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार (30 जून 2025) को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आतंकवाद पर आधारित प्रदर्शनी द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद संयुक्त राष्ट्र के सभी सिद्धांतों के विपरीत और मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.

यूएन मुख्यालय में एस जयशंकर ने पाकिस्तान को धोया

पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “इस सभा के जरिए हम आतंकवाद के शिकार परिवारों और प्रियजनों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं. जब कोई देश अपने पड़ोसी देश के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करता है तो यह कई तरह की अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता है. इसे सार्वजनिक रूप से उजागर करना जरूरी है.”

आतंकवादियों को कोई छूट नहीं- एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “पांच सप्ताह पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पहलगाम में आतंकी हमले की निंदा की थी. UNSC ने मांग की थी कि इसके अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाए. दुनिया को कुछ बुनियादी अवधारणाओं पर एक साथ आना चाहिए. आतंकवादियों को कोई छूट नहीं दी जाएगी. परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकना चाहिए. राज्य प्रायोजित आतंकवाद को उजागर किया जाना चाहिए और उसकी गिनती की जानी चाहिए.”

आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “यह प्रदर्शनी उन लोगों को आवाज देने का एक विनम्र, लेकिन दृढ़ प्रयास है जो अब बोल नहीं सकते. उन लोगों को श्रद्धांजलि है जो हमसे दूर हो गए हैं और आतंकवाद के कहर से तबाह हो गए. इस सभा के जरिए हम आतंकवाद के शिकार परिवारों और प्रियजनों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं.”

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति को लेकर चर्चा होगी

देश मंत्रालय के अनुसार विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के आमंत्रण पर 30 जून से 2 जुलाई तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे. यहं वे क्षेत्रीय और वैश्विक विकास विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे. क्वाड में भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान सदस्य हैं. यह एक प्रमुख समूह के रूप में उभरा है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित कर रहा है.



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