State Bank of India: देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) अगले हफ्ते अपने संस्थागत निवेशकों को 25,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचने की तैयारी में जुटी है. मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह देश में अपनी तरह का सबसे बड़ा सौदा हो सकता है.
मई में बोर्ड ने दी थी मंजूरी
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, , अगर योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) पूरी तरह से सब्सक्राइब हो जाता है, तो यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा क्यूआईपी बेस्ड इक्विटी फंडरेजिंग होगा, जो 2015 में कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा की गई 225.6 अरब रुपये की बिक्री को पीछे छोड़ देगा. बैंक के बोर्ड ने मई में इस बिक्री को मंजूरी दी थी. हालांकि, अभी तक प्लान फाइनल नहीं हुआ है, इसमें कुछ बदलाव भी हो सकते हैं. इससे पहले बैंक ने जून 2017 में क्यूआईपी के जरिए फंड जुटाया था. उस वक्त SBI ने 522 मिलियन शेयर बेचकर 15,000 करोड़ रुपये जुटाए थे.
क्यों बैंक ने लिया शेयर बेचने का फैसला?
बताया जा रहा है कि इस बिक्री से बैंक के लोन देने की क्षमता बढ़ेगी, बैलेंस शीट मजबूत होगा और यह रेगुलेटरी जरूरतों को पूरा करने की व्यापक योजनाओं का एक हिस्सा है. बताया जा रहा है कि बैंक ने इस लेनदेन के लिए छह से अधिक मर्चेंट बैंकों को चुना है, जिनमें कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, मॉर्गन स्टेनली और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स के नाम शामिल हैं.
Yes Bank में बेची अपनी हिस्सेदारी
इसी साल SBI ने YES Bank में अपनी 13.19 परसेंट की हिस्सेदारी जापान के सुमिमोतो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) को बेच दी. यह सौदा 8,889 करोड़ रुपये में हुआ. इसी के साथ अब यस बैंक ने एसबीआई की हिस्सेदारी घटकर 10.78 परसेंट रह गई है. SMBC सुमिमोतो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप की ही एक यूनिट है.
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