रेल मंत्रालय ने देश के करोड़ों नौकरी चाहने वाले युवाओं को बड़ी राहत दी है. रेलवे की भर्ती प्रक्रिया में अब पूरी तरह से पारदर्शिता और तकनीक का इस्तेमाल होगा. इससे न सिर्फ उम्मीदवारों को फायदा मिलेगा, बल्कि भर्ती की पूरी प्रक्रिया भी तेज और निष्पक्ष हो जाएगी. नए बदलावों का मकसद परीक्षा में पारदर्शिता, धोखाधड़ी पर रोक और योग्य उम्मीदवारों को समय पर नौकरी देना है.
अब हर बार फॉर्म भरने का झंझट नहीं रहेगा. रेलवे ने “वन टाइम रजिस्ट्रेशन” यानी OTR सिस्टम लागू किया है. इससे एक बार रजिस्ट्रेशन करके उम्मीदवार आने वाली सभी भर्तियों में आसानी से आवेदन कर सकेंगे. ये खासकर उन लाखों युवाओं के लिए राहत की खबर है जो हर भर्ती के लिए नया आवेदन करते-करते थक जाते थे.
आधार और फेस रिकग्निशन
रेलवे अब परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए e-KYC और रियल-टाइम फेस रिकग्निशन तकनीक का इस्तेमाल करेगा. इसका मतलब है कि परीक्षा के समय आधार कार्ड से पहचान की पुष्टि की जाएगी और चेहरा मिलान कर ये पक्का किया जाएगा कि परीक्षा वही उम्मीदवार दे रहा है जिसने फॉर्म भरा है.
अब हर साल पहले से मिलेगा परीक्षा का कैलेंडर
रेल मंत्रालय ने अब सभी ग्रुप C पदों (जैसे ALP, NTPC, टेक्नीशियन, RPF, लेवल-1 आदि) के लिए वार्षिक परीक्षा कैलेंडर जारी करने की व्यवस्था लागू कर दी है. इससे युवाओं को पहले से पता होगा कि कब कौन-सी भर्ती निकलेगी, कब आवेदन शुरू होंगे और परीक्षा कब होगी.
1.5 करोड़ से ज्यादा आवेदन, अब प्रक्रिया में आएगी तेजी
रेलवे की तरफ से बताया गया कि 2024 में कुल 1,08,000 से ज्यादा पदों पर भर्तियां निकाली गईं. इनमें कुछ प्रमुख पदों जैसे NTPC, ALP, टेक्नीशियन और RPF के लिए करोड़ों आवेदन आए. इतनी बड़ी संख्या में आवेदन होने के बावजूद रेलवे ने भर्ती प्रक्रिया को पहले से कहीं ज्यादा तेज कर दिया है. अब भर्ती की अधिसूचना जारी होने से लेकर परीक्षा कराने तक का औसत समय 8 महीने रह गया है, जिसे भविष्य में और कम किया जाएगा.
परीक्षा केंद्र घर के पास, मोबाइल जैमर से पूरी सुरक्षा
रेलवे ने उम्मीदवारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तय किया है कि अब परीक्षा केंद्र उम्मीदवार के घर से 250 किलोमीटर के भीतर ही होगा और अधिकतम दूरी 500 किलोमीटर रखी गई है. इतना ही नहीं, सभी केंद्रों पर 100% मोबाइल जैमर लगाए गए हैं ताकि कोई तकनीकी धोखाधड़ी न हो. जून 2025 की परीक्षा में इसका असर दिखा, जहां किसी भी तरह की चीटिंग की कोई खबर नहीं आई.
इंटरनल प्रमोशन और वेटिंग लिस्ट में भी सुधार
अब रेलवे के आंतरिक पदोन्नति के लिए भी CBAT और टैबलेट आधारित परीक्षा होगी, जिससे योग्य कर्मचारियों को जल्द प्रमोशन मिलेगा. लेवल-1 पदों के लिए 10वीं, ITI या नेशनल अप्रेंटिसशिप सर्टिफिकेट रखने वाले युवा पात्र माने जाएंगे. जो उम्मीदवार नियुक्ति के बाद जॉइन नहीं करेंगे, उनकी जगह वेटिंग लिस्ट से दूसरे उम्मीदवार को मौका तुरंत दिया जाएगा. रेलवे ने यह भी साफ किया है कि परीक्षा में धार्मिक प्रतीक जैसे चूड़ी, बिंदी, पगड़ी या अन्य पर पूरी तरह से रोक नहीं है. लेकिन सुरक्षा जांच के बाद ही इन्हें पहनकर परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी.
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