हिरोशिमा जैसे 200 शहरों को मिट्टी में मिलाने की ताकत… चीन की इस न्यूक्लियर मिसाइल की जद में ह

हिरोशिमा जैसे 200 शहरों को मिट्टी में मिलाने की ताकत… चीन की इस न्यूक्लियर मिसाइल की जद में ह


China DF-5B ICBM: चीन के सरकारी टीवी चैनल CCTV ने पहली बार अपनी बेहद ताकतवर अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) DF-5B की अहम जानकारियां साझा की हैं. यह मिसाइल इतनी शक्तिशाली है कि अमेरिका के किसी भी कोने तक परमाणु हमला कर सकती है. इस खुलासे का समय बेहद खास है, क्योंकि चीन और पश्चिमी देशों के बीच खासतौर से अमेरिका के साथ ताइवान, दक्षिण चीन सागर और सैन्य विस्तार को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है.

DF-5B की खासियत और रेंज
DF-5B एक दो-चरणीय, साइलो-आधारित मिसाइल है जिसे 1970 के दशक की शुरुआत में तैयार किया गया और 1981 में तैनात किया गया. इसकी लंबाई 32.6 मीटर, व्यास 3.35 मीटर और वजन लगभग 183 टन है.

यह मिसाइल एक एकल परमाणु वारहेड ले जा सकती है, जिसकी क्षमता 3 से 4 मेगाटन TNT के बराबर होती है – यानी हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से लगभग 200 गुना ज्यादा ताकतवर. इसकी रेंज 12,000 किलोमीटर (7,460 मील) तक है, जिससे यह अमेरिका और पश्चिमी यूरोप तक आसानी से हमला कर सकती है.

चीन की परमाणु शक्ति का अहम हिस्सा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल की जानकारी सार्वजनिक करना चीन की परमाणु प्रतिरोध क्षमता दिखाने की रणनीतिक कोशिश है. यह मिसाइल चीन के जमीनी, समुद्री और हवाई ताकत का अहम हिस्सा है और दूसरे हमले की क्षमता को मजबूत करती है.

पूर्व पीएलए (PLA) प्रशिक्षक सॉन्ग झोंगपिंग ने बताया कि DF-5 ने चीन की परमाणु क्षमता को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, “अगर DF-5 न होती, तो चीन को एक सशक्त परमाणु राष्ट्र के रूप में नहीं माना जाता.”

आने वाली पीढ़ी की मिसाइलों का संकेत
सॉन्ग झोंगपिंग का मानना है कि DF-5B की जानकारी सार्वजनिक करना एक नई पीढ़ी की ICBM मिसाइलों को पेश करने की तैयारी का हिस्सा हो सकता है. यह कदम चीन की सैन्य पारदर्शिता (military transparency) में बदलाव का संकेत भी माना जा रहा है. इससे चीन यह संदेश देना चाहता है कि उसकी रक्षा ताकत मजबूत है और वह किसी भी चुनौती का मुकाबला करने को तैयार है.

परमाणु ताकत बढ़ाने में जुटा है चीन
25 सितंबर 2024 को, चीन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स (PLARF) ने एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया, जो संभवतः DF-31 का आधुनिक संस्करण था.

पेंटागन के मुताबिक, चीन के पास 600 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं और 2030 तक यह संख्या 1000 पार कर सकती है. अमेरिका के रक्षा विभाग ने यह भी अनुमान लगाया है कि चीन ने तीन बड़े स्थानों पर करीब 320 मिसाइल साइलो बनाए हैं.

चीन की ‘नो-फर्स्ट-यूज’ नीति
भारत के अलावा, चीन एकमात्र ऐसा देश है जो ‘नो फर्स्ट यूज़’ नीति का पालन करता है. इसका मतलब है कि वह किसी भी देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेगा और गैर-परमाणु देशों के खिलाफ इसका इस्तेमाल नहीं करेगा.



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