उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर विशेष QR कोड लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों से जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई अगले मंगलवार (22 जुलाई, 2025) को होगी. कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कहा गया है कि QR कोड स्कैन करने से दुकान मालिकों के नाम पता चल सकते हैं. यह सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के आदेश का उल्लंघन है.
26 जुलाई 2024 को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने दुकान के बाहर दुकानदार का नाम लिखने के प्रशासन के आदेश पर रोक लगाई थी. तब कोर्ट ने कहा था कि दुकानदारों को अपना और अपने कर्मचारियों का नाम बताने की जरूरत नहीं है. उन्हें सिर्फ यह बताना होगा कि वह क्या खाना बेच रहे हैं. याचिकाकर्ता QR स्टिकर लगाने को इसी आदेश के खिलाफ बता रहे हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और सामाजिक कार्यकर्ता आकार पटेल की तरफ से दाखिल आवेदन पर सुनवाई की शुरू होते ही उत्तराखंड के एडवोकेट जनरल जतिंदर सेठी ने जवाब के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा. याचिकाकर्ता पक्ष से वरिष्ठ वकील शादान फरासत ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा सीमित समय के लिए होती है इसलिए, मामले की जल्द सुनवाई होनी चाहिए.
संक्षिप्त जिरह के बाद जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने उत्तराखंड और यूपी सरकार से जवाब दाखिल करने को कह दिया. कोर्ट ने कहा कि वह अगले मंगलवार को मामला सुनेगा. इस मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा और एनजीओ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स भी याचिकाकर्ता हैं. उनकी तरफ से सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील सी यू सिंह और हुजैफा अहमदी कोर्ट में मौजूद रहे.