अफगानिस्तान में शुक्रवार तड़के एक बार फिर धरती कांप उठी. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप आज 19 जुलाई 2025 को देर रात 02:11 बजे दर्ज किया गया.
भूकंप का केंद्र 36.28 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 71.26 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित था. इसकी गहराई 125 किलोमीटर बताई गई है. भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत फैल गई और कई इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आए. अफगानिस्तान भूकंपीय दृष्टिकोण से अति-संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है, जहां समय-समय पर मध्यम और तेज तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं.
EQ of M: 4.0, On: 19/07/2025 02:11:14 IST, Lat: 36.28 N, Long: 71.26 E, Depth: 125 Km, Location: Afghanistan.
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— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) July 18, 2025
कैसे आता है भूकंप?
दरअसल, धरती के नीचे बहुत बड़ी-बड़ी चट्टानें होती हैं जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये प्लेटें लगातार बहुत धीमी गति से हिलती रहती हैं. जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, खिसकती हैं या अलग होती हैं तो उनके बीच जमा हुई ऊर्जा अचानक बाहर निकलती है. इसी से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप के रूप में महसूस करते हैं.
भूकंप के और भी कारण हो सकते हैं. जैसे- ज्वालामुखी फटना, बड़े बांध या खनन जैसी इंसानी गतिविधियां और पहाड़ों का टूटना यानी भूस्खलन. भूकंप कितना तेज था, इसे मापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है. 1 से 10 तक के पैमाने पर इसका अंदाजा लगाया जाता है.
भारत में खासकर हिमालयी इलाके सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित माने जाते हैं, क्योंकि वहां दो बड़ी प्लेटें- इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट आपस में टकरा रही हैं. इसी वजह से उत्तर भारत और उत्तर-पूर्वी राज्यों में भूकंप अक्सर आते हैं.
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