उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद जगदीप धनखड़ को कब खाली करने होगा सरकारी आवास? सामने आई ये जानकारी

उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद जगदीप धनखड़ को कब खाली करने होगा सरकारी आवास? सामने आई ये जानकारी


उपराष्ट्रपति पद से सोमवार (21 जुलाई, 2025) को इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ सरकारी बंगले के हकदार हैं. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार (22 जुलाई) को इस बारे में जानकारी दी.

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत उपराष्ट्रपति एन्क्लेव का हुआ था निर्माण

74 वर्षीय पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पिछले साल अप्रैल महीने में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में शिफ्ट हो गए थे. उपराष्ट्रपति के आवास और कार्यालय वाले एन्क्लेव का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत किया गया था.

जगदीप धनखड़ को दिया जाएगा टाइप-8 का बंगला अधिकारी

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लगभग 15 महीने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहने के बाद उसे छोड़ना होगा. उन्होंने कहा, ‘उन्हें (पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़) लुटियंस दिल्ली या किसी अन्य इलाके में टाइप आठ का बंगला दिया जाएगा.’ टाइप आठ का बंगला आमतौर पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों या राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किया जाता है.

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल

उल्लेखनीय है कि जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई, 2025) की शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए देश के उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजकर कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं.

हालांकि, जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने से सत्ता पक्ष और विपक्ष पूरी तरह हैरान है. धनखड़ के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस ने आशंका जताते हुए कहा कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के पीछे उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों के अलावा कोई और अधिक गहरे कारण हैं.

संसद के मानसून सत्र के बीच की इस्तीफे की घोषणा

दरअसल, देश की संसद में सोमवार (21 जुलाई, 2025) से ही मानसून सत्र की शुरुआत हुई है और मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही के दौरान जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के तौर पर उपस्थित थे. लेकिन पहले दिन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद शाम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेज दिया.

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