ABVP से शुरुआत, विधायक और फिर मंत्री… कौन हैं मनमोहन सामल, जिन्हें BJP ने चौथी बार सौंपी कमान

ABVP से शुरुआत, विधायक और फिर मंत्री… कौन हैं मनमोहन सामल, जिन्हें BJP ने चौथी बार सौंपी कमान


Manmohan Samal: ओडिशा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मनमोहन सामल को मंगलवार (08 जुलाई, 2025) को फिर से राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया. भाजपा के केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक संजय जायसवाल ने पार्टी के राज्य मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सामल की इस पद पर दोबारा नियुक्ति की घोषणा की.

जायसवाल ने कहा कि वह इस पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले अकेले नेता थे और इसलिए उन्हें निर्विरोध चुना गया. यह राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में सामल का लगातार दूसरा और कुल चौथा कार्यकाल होगा.

राज्य की आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा OBC

उनके पहले के तीन कार्यकाल नवंबर 1999 से अक्टूबर 2000, अक्टूबर 2000 से मई 2004 और मार्च 2023 से जुलाई 2025 तक थे. भद्रक जिले में 15 अप्रैल, 1959 को जन्मे सामल अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय से हैं. राज्य की आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा ओबीसी का है. वह छात्र जीवन में ही राजनीति में शामिल हो गए थे और 1979 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य के रूप में भद्रक कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए.

मंत्री भी रह चुके हैं सामल

वह लगातार आगे बढ़ते गए और 2000 के दशक की शुरुआत में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (बीजद), भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री बनाए गए. उन्होंने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन और खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण जैसे विभागों को संभाला. वह तब धामनगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे.

भाजपा के सूत्रों ने बताया कि 24 साल से सत्ता पर काबिज बीजद सरकार को पिछले साल हराकर राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में सामल की भूमिका रही. इनाम के तौर पर केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें चौथी बार फिर से इस पद पर नियुक्त किया. उन्हें 2023 में चुनाव से बमुश्किल एक साल पहले तदर्थ आधार पर राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था.

राज्य में भाजपा की सीटों को दिलाई बढ़त

सूत्रों ने कहा कि थोड़े समय में ही उनके प्रयासों ने भाजपा की राज्य में 21 लोकसभा सीट में से 20 पर जीत सुनिश्चित की. भाजपा ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीट जीतीं, जबकि पटनायक की बीजद को 51 सीट मिलीं. कांग्रेस को 14 सीट, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को एक सीट मिली और तीन पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. हालांकि, सामल खुद चांदबली सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे.

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