AI की वजह से नौकरी गई, ChatGPT के चलते Chegg ने 248 कर्मचारियों को निकाला

AI की वजह से नौकरी गई, ChatGPT के चलते Chegg ने 248 कर्मचारियों को निकाला


अब पढ़ाई के लिए बच्चों को न तो भारी-भरकम किताबों की जरूरत है और न ही घंटों ट्यूटर के पास बैठना पड़ता है. बस मोबाइल उठाइए, ChatGPT जैसे AI टूल से पूछिए और तुरंत जवाब मिल जाता है. इसी बदलाव का सबसे बड़ा असर अब नौकरी पर दिखने लगा है.

अमेरिका की एजुकेशन कंपनी Chegg ने हाल ही में 248 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. ये कंपनी ऑनलाइन स्टडी हेल्प, ट्यूटोरियल्स और टेक्स्टबुक रेंटल जैसी सुविधाएं देती है, लेकिन अब बच्चे इन सब के बजाय AI टूल्स का इस्तेमाल करने लगे हैं, जिससे Chegg की जरूरत कम हो गई है.

कंपनी के मुताबिक, ये छंटनी उनके कुल कर्मचारियों का करीब 22% हिस्सा है. Chegg का कहना है कि वो अब अपने खर्चों को घटा रही है और कंपनी की दिशा में बदलाव ला रही है, ताकि वो इस नए दौर में खुद को टिकाए रख सके.

क्यों घट रहा है Chegg का काम?

2024 की पहली तिमाही में उसके सब्सक्राइबर्स की संख्या 31% गिर गई है और अब केवल 3.2 मिलियन छात्र ही उससे जुड़े हैं. इतना ही नहीं, कमाई में भी 30% की गिरावट आई है.

AI से मिल रहा फ्री और फास्ट जवाब

आजकल छात्र सवाल पूछने के लिए सीधे ChatGPT जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो सेकेंडों में उत्तर देता है. वो भी बिल्कुल मुफ्त. इसके चलते Chegg जैसी कंपनियों की सेवाएं अब कम इस्तेमाल हो रही हैं.

इसके अलावा, Google जैसे प्लेटफॉर्म्स भी अब AI से बने डायरेक्ट जवाब सर्च रिजल्ट में दिखा रहे हैं, जिससे Chegg की वेबसाइट पर कम लोग पहुंच रहे हैं. इसी बात से परेशान होकर Chegg ने Google पर मुकदमा भी ठोक दिया है.

ऑफिस भी होंगे बंद, खर्चों में कटौती

Chegg ने ये भी कहा है कि वो 2024 के आखिर तक अमेरिका और कनाडा में अपने दफ्तर बंद कर देगा. साथ ही, कंपनी मार्केटिंग, प्रोडक्ट डेवेलपमेंट और बाकी विभागों में भी खर्च कम करेगी.

इससे कंपनी को 2025 में करीब $45-$55 मिलियन और 2026 तक $110 मिलियन तक की बचत होने की उम्मीद है. हालांकि, छंटनी और बदलाव की वजह से कंपनी को $34-$38 मिलियन तक का खर्च भी उठाना पड़ेगा.

क्या AI ले जाएगा और नौकरियां?

Chegg के साथ जो हुआ, वो सिर्फ एक शुरुआत है. टेक्नोलॉजी जितनी तेज़ी से बदल रही है, उतनी ही तेजी से कंपनियों को खुद को बदलना पड़ रहा है, और जो नहीं बदल पाएंगे, उन्हें शायद ऐसे ही कर्मचारियों को हटाना पड़ेगा.

शिक्षा के क्षेत्र में AI का बढ़ता इस्तेमाल यह साफ दिखा रहा है कि आने वाले समय में नौकरियों का तरीका, पढ़ाई का तरीका और कमाई का तरीका- सब कुछ बदलने वाला है.



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