CBI Operation Chakra-IV: CBI (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) ने ऑपरेशन चक्र-IV के तहत अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह पर जर्मनी के नागरिकों को धोखा देने का आरोप है. जर्मन एजेंसियों के सहयोग से CBI ने इस गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.
CBI ने 12 फरवरी 2025 को राहुल शॉ, शुभम शर्मा, राजीव बुढ़िराजा और अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और साइबर अपराध से जुड़े भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-B, 420, 467, 468, 471 और आईटी एक्ट की धारा 66D के तहत केस दर्ज किया गया है.
कैसे की गई साइबर ठगी?
2021-2022 के दौरान गिरोह ने जर्मनी के नागरिकों को निशाना बनाया. ये लोग तकनीकी सहायता (Tech Support) देने के नाम पर पीड़ितों के कंप्यूटर और बैंक अकाउंट्स का रिमोट एक्सेस ले लेते थे. फिर उन्हें झांसा देते थे कि उनका बैंक अकाउंट हैक हो गया है और पैसे खतरे में हैं. डराकर 646,032 यूरो (लगभग 5.75 करोड़ रुपये) क्रिप्टोकरेंसी के जरिए अपने वॉलेट में ट्रांसफर करवा लेते थे.
CBI की छापेमारी और गिरफ्तारी
CBI ने दिल्ली, कोलकाता और सिलीगुड़ी में 14 से 17 फरवरी 2025 तक छापेमारी की. इस दौरान कई महत्वपूर्ण डिजिटल और दस्तावेजी सबूत मिले. मुख्य आरोपी राहुल शॉ को सिलीगुड़ी से गिरफ्तार किया गया. उसे दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, उसके घर से 7 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए.
गिरोह का संचालन और CBI की कार्रवाई
जांच में पता चला कि यह गिरोह सिलीगुड़ी के वेबेल आईटी पार्क, माटीगाड़ा, दार्जिलिंग में फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था. CBI ने इस कॉल सेंटर को बंद करवा दिया. कार्रवाई के दौरान 24 हार्ड डिस्क और अन्य डिजिटल सबूत जब्त किए गए. CBI अब गिरोह के अन्य सदस्यों और पैसों के नेटवर्क की जांच कर रही है. इस मामले में जर्मन एजेंसियों और INTERPOL की सहायता ली जा रही है.
ऑपरेशन चक्र-IV क्या है?
CBI ने ऑपरेशन चक्र-IV की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को पकड़ने और साइबर गिरोहों को खत्म करने के लिए की है. यह अभियान कई देशों की पुलिस एजेंसियों के सहयोग से चलाया जा रहा है. इसका लक्ष्य सीमापार साइबर अपराध को रोकना और दोषियों को सजा दिलाना है.