CLAT 2025: एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए होने वाली सबसे बड़ी परीक्षा CLAT (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) से जुड़े सभी मामले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिए हैं. अलग-अलग नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए होने वाले इस कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को लेकर तीन हाई कोर्ट में मामले लंबित थे.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और के वी विश्वनाथन की बेंच ने दिल्ली हाई कोर्ट में 3 मार्च को सुनवाई का आदेश दिया है. इस सुनवाई से देश की सभी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एलएलबी में एडमिशन के लिए रुकी काउंसिलिंग के शुरू होने का रास्ता खुल सकेगा.
2024 में हुई CLAT UG परीक्षा के ज़रिए इस साल देश के 25 प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलना है. इसके अलावा कई बड़े निजी कॉलेज भी CLAT के परिणाम के आधार पर ही अपने यहां छात्रों को प्रवेश देते हैं.
क्या है मामला?
आदित्य सिंह नाम के छात्र ने दिल्ली हाई कोर्ट में CLAT के 5 प्रश्नों को गलत बताते हुए याचिका दाखिल की थी. दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस ज्योति सिंह ने 20 दिसंबर को इस याचिका पर आदेश दिया. उन्होंने 5 में से 2 सवालों को गलत माना और उसके आधार पर दोबारा CLAT का रिजल्ट जारी करने को कहा.
CLAT परीक्षा करवाने वाले कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज इसके खिलाफ पहले हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में गया. बाद में उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उसका कहना था कि सिंगल जज को परीक्षा विशेषज्ञ की भूमिका निभाने की ज़रूरत नहीं थी. उधर याचिकाकर्ता आदित्य सिंह ने भी अपील दाखिल कर 5 सवालों के गलत होने की बात पर ज़ोर दिया.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज ने यह भी कहा कि दिल्ली के अलावा पंजाब-हरियाणा और राजस्थान हाई कोर्ट में भी याचिकाएं लंबित हैं. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट सभी याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर कर ले. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी मामले दिल्ली हाई कोर्ट को ट्रांसफर किए जा रहे हैं.
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