CUET की तैयारी का पहला स्टेप है एक प्रॉपर टाइम टेबल बनाना. स्टूडेंट्स को एडवाइस दी जाती है कि वे अपने दिन का मैक्सिमम टाइम प्रिपरेशन के लिए यूज करें, क्योंकि टाइम बहुत प्रेशियस है. टाइम टेबल ऐसा हो जो आपके गोल को सूट करे. इसमें स्टडी के साथ-साथ थोड़ा एंटरटेनमेंट या रेस्ट का टाइम भी इनक्लूड करें, क्योंकि दिमाग को रिलैक्स करने की भी नीड होती है. कम से कम 4-5 घंटे डेली प्रिपरेशन के लिए फिक्स करें. टाइम टेबल बनाना सक्सेस की गारंटी नहीं है, लेकिन इसे सीरियसली फॉलो करने से अच्छी तैयारी और एग्जाम में बेटर परफॉर्मेंस पॉसिबल है.
CUET सिलेबस को अच्छे से कवर करें
CUET 2025 का सिलेबस अच्छे से समझें और कवर करें. जिस सब्जेक्ट में आप अपीयर होने वाले हैं, उसका सिलेबस प्रिंटआउट निकाल लें. सिलेबस को स्टडी करते वक्त टॉपिक्स, यूनिट्स, और कॉन्सेप्ट्स को प्रायोरिटी दें. इम्पॉर्टेंट टॉपिक्स और वेटेज के बेसिस पर प्लान बनाएं. लेकिन अटेंशन रखें, कोई भी टॉपिक मिस नहीं होना चाहिए, क्योंकि क्वेश्चन पेपर पूरा सिलेबस कवर करता है, न कि सिर्फ इम्पॉर्टेंट टॉपिक्स. फुल सिलेबस की तैयारी से ही एग्जाम में अच्छा स्कोर मिलेगा.
CUET एग्जाम पैटर्न को समझें
एग्जाम पैटर्न को समझना बहुत इम्पॉर्टेंट है. इससे आपको आइडिया मिलेगा कि क्वेश्चन्स कैसे होंगे, मार्किंग स्कीम क्या है, इम्पॉर्टेंट टॉपिक्स कौन से हैं, और वेटेज कैसे डिस्ट्रीब्यूट होता है. एग्जाम पैटर्न की गुड अंडरस्टैंडिंग आपको कॉन्फिडेंस देगी और एग्जाम में बेटर परफॉर्म करने में हेल्प करेगी.
बेस्ट बुक्स से पढ़ाई करें
सिलेबस के लिए बेस्ट बुक्स और क्वालिटी रिसोर्सेस कलेक्ट करें. बुक्स नॉलेज का सबसे बड़ा सोर्स होती हैं, और CUET की तैयारी के लिए भी यही की है. जो कैंडिडेट्स CUET UG एग्जाम देना चाहते हैं, उन्हें रिसर्च करके बेस्ट बुक्स ढूंढनी चाहिए और उन पर क्वालिटी टाइम स्पेंड करना चाहिए. बुक्स से प्रैक्टिस करते रहें, क्योंकि ये आपकी बेस्ट टीचर हैं और सक्सेस का पाथ दिखाती हैं.
प्रैक्टिस से मिलेगी सक्सेस
इंग्लिश में कहते हैं, “प्रैक्टिस मेक्स ए मैन परफेक्ट,” और CUET के लिए भी यही अप्लाई होता है. जो लर्न्ड है, उसे प्रैक्टिस करें. सैंपल पेपर्स, मॉक टेस्ट्स, और प्रीवियस ईयर क्वेश्चन पेपर्स सॉल्व करें. जितना आप स्टडी करते हैं, उतना ही प्रैक्टिस भी नेसेसरी है. मॉक टेस्ट्स और सैंपल पेपर्स से आपकी स्ट्रेंथ्स और वीकनेसेज पता चलेंगी, जिससे आप वीक एरियाज पर फोकस कर सकते हैं. प्रैक्टिस से एक्सुरेसी इम्प्रूव होगी और एग्जाम में कॉन्फिडेंस बूस्ट होगा.
रिवीजन को न भूलें
रिवीजन प्रिपरेशन का सबसे क्रूशियल पार्ट है. प्लान ऐसा बनाएं कि एग्जाम से कम से कम 1 मंथ पहले सिलेबस कम्प्लीट हो जाए. एक्सपर्ट्स की एडवाइस है कि 1 मंथ का रिवीजन एग्जाम में डिजायर्ड रिजल्ट पाने के लिए एसेंशियल है. रिवीजन का मीनिंग है पहले पढ़े हुए कॉन्सेप्ट्स और टॉपिक्स को रिकॉल करना. रिवीजन के लिए एनफ टाइम दें और इम्पॉर्टेंट पॉइंट्स नोट करें, जो लास्ट-मिनट प्रिपरेशन में वर्क आएंगे. रिवीजन से एग्जाम में बेस्ट परफॉर्मेंस पॉसिबल है.
सैंपल टाइम टेबल (डेली रूटीन)
यहां एक बेसिक टाइम टेबल का आइडिया दिया जा रहा है, जिसे आप अपने अकॉर्डिंग एडजस्ट कर सकते हैं:
- मॉर्निंग 6:00 – 8:00: रिवीजन या वीक टॉपिक्स पर फोकस
- सुबह 8:00 – 9:00: ब्रेकफास्ट और रेस्ट
- सुबह 9:00 – 12:00: मेन सब्जेक्ट स्टडी (3 घंटे)
- दोपहर 12:00 – 1:00: लंच ब्रेक
- दोपहर 1:00 – 3:00: सेकंड सब्जेक्ट या प्रैक्टिस (सैंपल पेपर्स)
- दोपहर3:00 – 3:30: शॉर्ट ब्रेक (रिफ्रेशमेंट)
- दोपहर 3:30 – 5:30: थर्ड सब्जेक्ट या मॉक टेस्ट
- शाम 5:30 – 6:00: रेस्ट या लाइट एक्टिविटी
- दोपहर 6:00 – 8:00: डाउट क्लियरिंग या एक्स्ट्रा प्रैक्टिस
- रात 8:00 – 9:00: डिनर और रिलैक्स
- रात 9:00 – 10:00: क्विक रिवीजन या नोट्स रिव्यू
फाइनल टिप्स
- डेली कंसिस्टेंसी मेंटेन करें.
- डिस्ट्रैक्शन्स (मोबाइल, सोशल मीडिया) से अवॉइड करें.
- हेल्दी डाइट और 6-8 घंटे की स्लीप लें.
- पॉजिटिव एटिट्यूड रखें और सेल्फ-कॉन्फिडेंस बूस्ट करें.
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