बीते कुछ दिनों से चीनी कंपनी DeepSeek का AI मॉडल चर्चा में है. पहले इसने अपनी कम लागत के कारण दुनिया को चौंकाया तो अब इससे जुड़ी डेटा स्टोरेज और यूजर्स प्राइवेसी की चिंताएं सामने आ रही हैं. अब साउथ कोरिया की खुफिया एजेंसी ने DeepSeek के AI चैटबॉट पर जरूरत से ज्यादा पर्सनल डेटा कलेक्ट करने और इस डेटा से खुद को ट्रेनिंग देने के लिए यूज करने का आरोप लगाया है. आइए जानते हैं कि खुफिया एजेंसी ने इसे लेकर और क्या कुछ कहा है.
सरकारी एजेंसियों को किया आगाह
दक्षिण कोरिया की नेशनल इंटेलीजेंस सर्विस (NIS) ने कहा है कि उसने सभी सरकारी एजेंसियों से DeepSeek को लेकर सुरक्षा ऐहतियात बरतने की सलाह दी है. NIS ने यह पुष्टि हो चुकी है कि DeepSeek पर चैट रिकॉर्ड ट्रांसफर किए जा सकते हैं और इसमें कीबोर्ड इनपुट पैटर्न को कलेक्ट करने का फंक्शन है, जो यूजर्स की पहचान कर सकता है और चीनी कंपनियों के सर्वर से कम्युनिकेट कर सकता है. बता दें कि दक्षिण कोरिया में कई मंत्रालयों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए DeepSeek के AI चैटबॉट को ब्लॉक कर दिया है.
चीनी सर्वर को लेकर जताई जा रही चिंता
NIS ने कहा कि DeepSeek विज्ञापनदाताओं को यूजर्स डेटा की अनलिमिटेड एक्सेस देती है और यूजर्स का डेटा चीनी सर्वर में स्टोर करती है. चीन के कानूनों के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर चीनी सरकार इस डेटा को एक्सेस कर सकती है. इससे यूजर्स प्राइवेसी तो खतरे में रहती ही है, साथ ही सर्विलांस का डर भी बढ़ जाता है. NIS ने DeepSeek पर अलग-अलग भाषाओं में संवेदनशील प्रश्नों के अलग-अलग जवाब देने का भी आरोप लगाया है. इससे पहले चीनी कंपनी पर चीन की सरकार की आलोचनाओं वाले जवाबों को सेंसर करने का मामला भी सामने आ चुका है. कई यूजर्स ने पाया है कि इस चैटबॉट के जवाब चीनी प्रोपेगेंडा से प्रभावित होते हैं.
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