दुनियाभर में तहलका मचाने वाले स्टार्टअप DeepSeek को अब चीन ने ‘नेशनल ट्रेजर’ का दर्जा दे दिया है. इसका मतलब है कि चीनी सरकार इस कंपनी को अब अपनी कीमती संपत्ति के तौर पर देखती है. बता दें कि DeepSeek ने अपने R1 मॉडल को किफायती लागत में तैयार किया था और इसने परफॉर्मेंस के मामले में OpenAI समेत कई अमेरिकी कंपनियों के AI मॉडल्स को पीछे छोड़ दिया था.
चीन के लिए क्यों जरूरी है DeepSeek?
AI के क्षेत्र में DeepSeek चीन की प्रमुख कंपनियों में शामिल हो गई है. DeepSeek के AI मॉडल के कारण ही चीन AI की वैश्विक रेस में अमेरिकी कंपनियों को टक्कर दे पाया था. अब इसे नेशनल ट्रेजर का दर्जा देकर चीन ने दिखा दिया है कि यह कंपनी उसके लिए कितने मायने रखती है. हालांकि, कई देशों में DeepSeek के AI मॉडल पर बैन लगा हुआ है. इन देशों का कहना है कि यह DeepSeek जरूरत से ज्यादा यूजर्स डेटा इकट्ठा करता है और इसे चीनी कंपनियों के सर्वर पर स्टोर करता है. चीन के कानूनों के अनुसार, सरकार के कहने पर इन कंपनियों को यह डेटा चीनी सरकार के साथ शेयर करना पड़ सकता है, जिससे सर्विलांस समेत कई खतरे पैदा हो सकते हैं.
कई इंजीनियरों के पासपोर्ट छीने
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, DeepSeek के कई इंजीनियरों के विदेश जाने पर रोक लग गई है और उनके पासपोर्ट छीने जा चुके हैं. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि ये इंजीनियर कहीं बाहर जाकर कोई संवेदनशील जानकारी लीक न कर दें. बताया जा रहा है कि DeepSeek में काम करने वाले इंजीनियर्स की यात्रा पर कड़े प्रतिबंध लगे हुए हैं. चीन को डर है कि अगर ये इंजीनियर बाहर जाते हैं तो AI मॉडल के अलावा कंपनी और वहां की पॉलिसी से जुड़ी जानकारी लीक कर सकते हैं.
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