Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) चंडीगढ़ ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत सुमा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, कंपनी के निदेशकों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस सिलसिले में 7 फरवरी 2025 को पंचकूला स्थित विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोजन शिकायत (PC) दायर की गई थी, जिस पर 5 मार्च 2025 को अदालत ने संज्ञान ले लिया.
ईडी ने कंपनी और इसके निदेशकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, वित्तीय अनियमितताओं और अवैध लेन-देन से जुड़े आरोपों की जांच के बाद मामला दर्ज किया है. जांच एजेंसी को शक है कि कंपनी ने गलत तरीकों से पैसे को सफेद करने की कोशिश की. हालांकि, अभी तक मामले में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है लेकिन ईडी का दावा है कि पर्याप्त सबूत मिलने के बाद ही यह कार्रवाई की गई है.
ईडी क्यों कर रहा है कार्रवाई?
भारत में मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए PMLA 2002 कानून बनाया गया था, जिसके तहत ईडी किसी भी संदिग्ध लेन-देन या वित्तीय धोखाधड़ी की जांच कर सकता है. अगर कोई कंपनी या व्यक्ति अवैध तरीके से पैसे कमाकर उसे वैध दिखाने की कोशिश करता है तो यह मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है.
ईडी ने कई कंपनियों और बिजनेसमैन के खिलाफ PMLA के तहत की कार्रवाई
2023 में ईडी ने बैंक घोटाले में शामिल कई कंपनियों पर छापे मारे थे. 2024 में एक बड़े रियल एस्टेट घोटाले में भी कई संपत्तियां जब्त की गई थीं. अब 2025 में सुमा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड इस जांच के घेरे में आई है.
अदालत में क्या होगा आगे?
अदालत ने 5 मार्च को इस शिकायत का संज्ञान लिया है. अगले चरण में सुनवाई और आगे की जांच शुरू होगी. अगर अदालत को पर्याप्त सबूत मिलते हैं तो कंपनी और निदेशकों की संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं. बैंक खातों को सील किया जा सकता है. कड़ी कानूनी कार्रवाई और सजा हो सकती है.
मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में बढ़ रही सख्ती
पिछले कुछ सालों में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. सरकार और ईडी अब सख्ती से ऐसे मामलों की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. सुमा फूड्स इस मामले में दोषी साबित होगी या नहीं यह अदालत की जांच और फैसले के बाद ही साफ होगा. फिलहाल ईडी अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है और कानूनी प्रक्रिया जारी है.
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