EVM का रोना छोड़िए! उमर अब्दुल्ला ने दी कांग्रेस को सलाह, जानें और क्या कहा

EVM का रोना छोड़िए! उमर अब्दुल्ला ने दी कांग्रेस को सलाह, जानें और क्या कहा


Omar Abdullah On EVM: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को  ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर कांग्रेस पार्टी की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि यह दोहरे मापदंड अपनाने जैसा है कि जब चुनावों में जीत होती है तो ईवीएम को स्वीकार किया जाता है, और हारने पर उसे दोषी ठहराया जाता है.

उमर अब्दुल्ला ने पीटीआई के इंटरव्यू में कहा, ‘‘जब इसी ईवीएम के इस्तेमाल से संसद में आपके सौ से अधिक सदस्य पहुंच जाते हैं और आप इसे अपनी पार्टी के लिए जीत का जश्न मनाते हैं, तो आप कुछ महीने बाद पलटकर यह नहीं कह सकते कि हमें ये ईवीएम पसंद नहीं हैं, क्योंकि अब चुनाव के परिणाम उस तरह नहीं आ रहे हैं जैसा हम चाहते हैं.’’यह कहे जाने पर कि वह भाजपा के एक प्रवक्ता की तरह बात कर रहे हैं, तो अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ईश्वर ना करें यह ऐसा ही है.जो सही है वह सही है’’ उनहोंने कहा कि वह गठबंधन सहयोगी के प्रति निष्ठा के बजाय सिद्धांतों के आधार पर बोलते हैं.

सेंट्रल विस्टा परियोजना पर उमर की राय
उमर अब्दुल्ला ने सेंट्रल विस्टा परियोजना जैसे बुनियादी ढांचे के विकास की प्रशंसा करते हुए कहा ‘‘हर किसी की धारणा के विपरीत, मुझे लगता है कि दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के साथ जो हो रहा है वह एक बहुत अच्छी चीज है. मेरा मानना ​​है कि नया संसद भवन बनाना एक बेहतरीन विचार था. हमें नये संसद भवन की आवश्यकता थी, पुराना भवन अपनी उपयोगिता खो चुका है,’’ 

‘उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए’
उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि आम तौर पर विपक्ष, खास तौर पर कांग्रेस ईवीएम पर ध्यान केंद्रित करके गलत रास्ता अपना रही है. हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता और चुनाव नतीजों पर संदेह जताया है. इसने चुनावों में वैलेट पेपर पर लौटने की मांग की है. इस पर उन्होंने कहा कि अगर पार्टियों को मतदान तंत्र पर भरोसा नहीं है तो उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपको ईवीएम से दिक्कत है, तो उसे लेकर आपका रुख एकसमान रहना चाहिए.’’ 

इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व पर क्या कहा?
उमर अब्दुल्ला ने इंडिया ब्लॉक के नेता के रूप में कांग्रेस की भूमिका पर भी निशाना साधा और सवाल किया कि क्या पार्टी ने अपने नेतृत्व की स्थिति को सही ठहराने के लिए सही से काम किया है?, उन्होंने कहा कि संसद में सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण और लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष के नेता होने के कारण उनके पास आल इंडिया फुटप्रिंट हैं, जिस पर कोई अन्य पार्टी दावा नहीं कर सकती है,उन्होंने माना कि विपक्षी आंदोलन के नेता हैं, हालांकि, उन्होंने कहा, “फिर भी कुछ सहयोगियों में बेचैनी की भावना है क्योंकि उन्हें लगता है कि कांग्रेस इसे बनाए रखने के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रही है.

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