Generative AI कर रही कमाल, 10 में से 8 भारतीय डेवलपर इससे अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में सक्षम

Generative AI कर रही कमाल, 10 में से 8 भारतीय डेवलपर इससे अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में सक्षम



<p style="text-align: justify;">भारत में दस में से आठ डेवलपर्स ने जनरेटिव एआई का इस्तेमाल कर अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ने की जानकारी दी है. एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, नई टेक्नोलॉजी देश में आईटी-इनेबल्ड सर्विस इंडस्ट्री को बदल रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां अपने वर्कफ्लो में एआई को तेजी से इंटीग्रेट कर रही हैं, जेनएआई अभी शुरुआत है. अगला बड़ा विकास एजेंटिक एआई होगा, जहां एआई सिस्टम असिस्टेंस से आगे बढ़कर स्वायत्त रूप से कार्यों को करने, विफलताओं को प्रीडिक्ट करने और रियल टाइम में संचालन को अनुकूलित करने का काम करते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एआई-ड्रिवन ऑटोमेशन से होंगे ये फायदे</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट के अनुसार, एआई-ड्रिवन ऑटोमेशन के इस लेवल से सॉफ्टवेयर रिलीज तेज हो सकते हैं, परिचालन लागत कम हो सकती है और डाउनटाइम लगभग शून्य हो सकता है. हालांकि, इस भविष्य को प्राप्त करना आज जेनएआई में एक मजबूत नींव बनाने पर निर्भर करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तकनीक अब केवल एक एक्सपेरिमेंट नहीं है. यह सॉफ्टवेयर विकास में क्रांति ला रही है, कोडिंग, टेस्टिंग और डिप्लॉयमेंट को तेज और अधिक कुशल बना रही है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ग्लोबल आईटी सर्विस की रीढ़ रहा है भारत</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दशकों से, भारत ग्लोबल आईटी सर्विस की रीढ़ रहा है, जो सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में बेहतरीन है. हालांकि, जैसे-जैसे एआई इंडस्ट्री को नया आकार दे रहा है, कंपनियों को पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ना चाहिए और अपने वर्कफ्लो में जेनएआई को पूरी तरह से इंटीग्रेट करना चाहिए. बीसीजी के प्रबंध निदेशक और वरिष्ठ भागीदार राजीव गुप्ता ने कहा कि जेनएआई की गति ‘हॉकी स्टिक इफेक्ट के निचले स्तर पर है – हम आगे क्या करेंगे, यह हमारी प्रगति को परिभाषित करेगा.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, जहां भारतीय आईटीईएस को दृढ़ विश्वास के साथ नेतृत्व करना चाहिए, जेनएआई को तत्परता से आगे बढ़ाना चाहिए और एआई-पावर्ड सर्विस के भविष्य को आकार देने का अधिकार अर्जित करना चाहिए. गुप्ता ने कहा, "विकल्प साफ है: या तो हम इस परिवर्तन को अपनाएं और अपनी ग्लोबल लीडरशिप को मजबूत करें, या फिर हिचकिचाएं, अपनी जमीन खो दें और अप्रासंगिक हो जाएं."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कंपनियों को दूर करनी होंगी ये चिंताएं</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एआई ट्रेनिंग में निवेश करने वाली कंपनियों ने पांच या अधिक लक्षित प्रशिक्षण सत्रों के बाद अडॉप्शन रेट में 16 से 48 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी है. 92 प्रतिशत उद्यम क्लाइंट एआई-ड्रिवन सर्विस के लिए प्रीमियम का भुगतान करने को तैयार हैं, इसलिए आईटी फर्मों को अधिक व्यवसाय आकर्षित करने के लिए निवेश पर ठोस रिटर्न दिखाना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि सक्सेसफुल अडॉप्शन सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों को जॉब सिक्योरिटी और वर्कफ्लो व्यवधानों के बारे में चिंताओं को भी दूर करना चाहिए.</p>
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