GST 2.0 पर क्या सोचती हैं देश की बड़ी कारोबारी हस्तियां? आनंद महिंद्रा से हर्ष गोयंका तक की राय

GST 2.0 पर क्या सोचती हैं देश की बड़ी कारोबारी हस्तियां? आनंद महिंद्रा से हर्ष गोयंका तक की राय


Indian Business Leaders on GST Reforms: अमेरिका से टैरिफ पर तनातनी के बीच भारत ने घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए जिस कदम का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 79वें स्वतंत्रता दिवस पर किया था, उस पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में मुहर लगा दी गई. इसके बाद जीएसटी के चार स्लैब की जगह दो स्लैब कर दिए गए और ज्यादातर रोजमर्रा की चीजों पर या तो टैक्स काफी कम कर दिया गया या पूरी तरह से हटा दिया गया. यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होगा.

माना जा रहा है कि इससे सरकारी बोझ बढ़ेगा और टैक्स से होने वाली आमदनी पर असर पड़ेगा, लेकिन अर्थव्यवस्था और रोजगार पर इसका बेहद सकारात्मक प्रभाव होगा. इससे जीडीपी की रफ्तार भी तेज होने की उम्मीद है.

क्या कहते हैं बड़े कारोबारी?

भारतीय कारोबारी हस्तियों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. Edelweiss Asset Management की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने सोशल मीडिया पर इसे चुनौतीपूर्ण समय में एक प्रगतिशील कदम बताया और कहा कि इससे मांग और सकारात्मक रुझान दोनों को मजबूती मिलेगी. उद्योगपति हर्ष गोयंका ने इसे आम लोगों के लिए दिवाली गिफ्ट करार दिया और कहा कि रोजमर्रा की आवश्यक चीजें, हेल्थकेयर, एजुकेशन और एग्रीकल्चर से जुड़ी वस्तुओं के दाम कम कर दिए गए हैं.

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी इसे सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि इस तरह के सुधार निवेश और उपभोग को बढ़ावा देंगे और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करेंगे. उन्होंने स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध उपदेश का हवाला देते हुए और अधिक सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया.

जीएसटी 2.0 पर उद्योग जगत की सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई है. इनक्रेड वेल्थ के सीईओ नितिन राव ने कहा कि शुल्क से प्रभावित श्रम-प्रधान उद्योगों को राहत देने और वस्तुओं को सस्ता बनाने पर सरकार का ध्यान केंद्रित है. मुथूट माइक्रोफिन के सीईओ सदाफ सईद ने कहा कि राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के साथ-साथ, हाल ही में आरबीआई द्वारा की गई 0.5 प्रतिशत की दर कटौती और सरकार द्वारा जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने का फैसला भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देगा.

वहीं, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि रोजमर्रा की वस्तुओं और जरूरी कच्चे माल पर दरें कम करने से न केवल परिवारों को तत्काल राहत मिलेगी बल्कि यह सुधार देश की वृद्धि की मजबूत नींव भी रखेगा.

इन प्रतिक्रियाओं से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को रोजमर्रा की जरूरत की चीजों, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और कृषि सामानों पर जीएसटी दरों में कटौती का ऐलान किया था. 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स स्लैब को घटाकर चार से दो कर दिया गया और 28 प्रतिशत तथा 12 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया.

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