Israel Gaza War: गाजा और इजराइल के बीच सीजफायर टूटने खत्म होने के बाद से बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास पर खूब बम बरसाए हैं. इस बीच इजरायली सेना ने पिछले महीने गाजा में एक आपातकालीन सेवा की गाड़ी पर किए हमले के लिए गलती मानी है. फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी (पीआरसीएस) के एंबुलेंस के काफिले, संयुक्त राष्ट्र की एक कार और गाजा के सिविल डिफेंस के एक फायर ब्रिगेड ट्रक पर 23 मार्च 2025 को गोलीबारी की गई थी, जिसमें 15 डॉक्टर्स की मौत हुई.
‘संदिग्ध रूप से आगे बढ़ रहा था काफीला’
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की सेना ने पहले कहा था कि ये काफिले अंधेरे में संदिग्ध रूप से आगे बढ़ रहा था, इसलिए फायरिंग की गई थी. आईडीएफ ने बताया कि पहले यह जानकारी नहीं दी गई थी कि काफीला उस रास्ते से गुजरने वाला है. हालांकि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मारे गए डॉक्टर्स में से एक के फोन से रिकॉर्ड हुआ वीडियो सामने आया.
वीडियो सामने आने के बाद जांच की मांग उठी
इस वीडियो साफ नजर आ रहा है कि गाड़ियों की लाइटें जल रहीं थीं और घायल लोगों ने मदद के लिए आवाज भी लगाई. आईडीएफ का कहना है कि मारे डॉक्टर्स में से 6 हमास से जुड़े थे, लेकिन उन्होंने इसका सबूत नहीं दिया. हालांकि सेना ने माना है कि जब सैनिकों ने गोलीबारी की तो मारे गए लोगों के पास कोई हथियार नहीं था. रेड क्रिसेंट और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है.
आईडीएफ ने मानी गलती
रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की सेना ने स्वीकार किया कि उन्होंने पहले जो जानकारी दी थी, वो गलत थी. आईडीएफ ने स्वीकार किया कि उनके सैनिकों से गलती हुई. इजरायल के अधिकारी के अनुसार मारे गए 15 लोगों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए रेत में दफना दिया गया. जहां पर यह घटना घटी वहां जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां सुरक्षित रास्ता नहीं खोज पाई, जिस वजह एक हफ्ते तक इन शवों का पता नहीं चल पाया था. बाद में राहत-बचाव दल को ये शव मिले, जिसमें से एक फोन में ये वीडियो रिकॉर्ड मिला.