IIT यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को भारत में सबसे बड़ा और सम्मानित इंजीनियरिंग कॉलेज माना जाता है. लाखों छात्र हर साल इस सपने को लेकर मेहनत करते हैं कि वो IIT में एडमिशन पा सकें, क्योंकि यहां से पढ़ने वाले छात्रों को बड़े-बड़े पैकेज और इंटरनेशनल जॉब्स मिलती हैं.
लेकिन हाल ही में लंदन में रहने वाले टेक प्रोफेशनल कुणाल कुशवाहा ने एक ऐसा बयान दे दिया जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी.
क्या कहा कुणाल ने?
कुणाल ने X (पहले ट्विटर) पर बताया कि उन्हें एक मैसेज आया, जिसमें सामने वाले ने लिखा, “मैं IIT का एलुमनाई हूं” और एक AI जॉब के लिए रेफरल मांगा. इस पर कुणाल ने लिखा कि सिर्फ कॉलेज का नाम बताना काफी नहीं होता, असली पहचान आपके काम, प्रोजेक्ट्स और पैशन से होती है.
उन्होंने कहा, ‘मैं लंदन में रहता हूं, दुनिया घूम चुका हूं, कई कंपनियों में मेरे दोस्त हैं. सच कहूं तो भारत के बाहर कोई IIT टैग की खास परवाह नहीं करता. अगर आप सिर्फ कॉलेज के नाम पर भरोसा कर रहे हैं, तो हो सकता है आपको निराशा हाथ लगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘जो चीज सच में फर्क डालती है वो है, आपने क्या बनाया है, क्या सीखा है, आपने कौन सी दिक्कतें हल की हैं और आपमें इस फील्ड को लेकर कितना जुनून है.’
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
कुणाल की इस पोस्ट पर इंटरनेट पर खूब रिएक्शन आने लगे. कुछ लोगों ने कुणाल की बात को गलत बताया. एक यूजर ने मजाक उड़ाते हुए लिखा, ‘कुणाल कुशवाहा, B.Tech CSE, IIT रोहिणी!’, एक और ने चुटकी ली – ‘IIT ढोलकपुर से हूं, कोई चांस है?’
कई लोगों का कहना है कि IIT का नाम आज भी विदेशों में खासकर अमेरिका के सिलिकॉन वैली में काफी सम्मान के साथ देखा जाता है. एक ने लिखा, “शायद लंदन में ना हो, लेकिन सिलिकॉन वैली में IIT बॉम्बे का टैग आज भी गेम चेंजर है.”
वहीं कई लोगों ने कुणाल की बात का समर्थन भी किया. एक यूजर ने लिखा, “अगर आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि 6 साल पहले की एक एंट्रेंस एग्जाम है, तो आपको कुछ और सीखने और दिखाने की जरूरत है.”
एक और यूजर ने कहते हैं, ‘जब आप रेफरल मांगते हैं, तो अपने काम की बातें करें, अपने प्रोजेक्ट्स बताएं. सिर्फ कॉलेज का नाम लेने से कुछ नहीं होता.’
दो हिस्सों में बंटी सोशल मीडिया
कुणाल कुशवाहा की इस पोस्ट ने लोगों को दो हिस्सों में बांट दिया है. एक तरफ वो लोग हैं जो आज भी IIT टैग को बहुत बड़ा मानते हैं, और दूसरी तरफ वो लोग जो मानते हैं कि असली पहचान आपकी स्किल्स और प्रोजेक्ट्स से होती है.
सच तो ये है कि किसी भी जॉब में अब सिर्फ कॉलेज का नाम काफी नहीं है. अगर आप सच में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो अपने काम से खुद को साबित करना ही पड़ेगा, चाहे आप IIT से हों या कहीं और से.