India-UK Free Trade Deal: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूके के ऐतिहासिक दौरे पर हैं. आज शाम को पीएम मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केर स्टार्मर के बीच मुलाकात होगी. उम्मीद है कि इस दौरान दोनों आधिकारिक रूप से दोनों देशों के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करेंगे.
मनीकंट्रोल की एक एनालिसिस से इस बात का खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते से भारतीय उपभोक्ताओं के लिए इंडस्ट्रियल इनपुट और शराब जैसी उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी. हालांकि, इससे अमेरिका और जापान से मौजूदा ट्रेड फ्लो को नुकसान पहुंच सकता है.
अमेरिका से 1.24 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट पर असर
अगर भारत और ब्रिटेन के बीच ट्रेड डील पक्की हो गई, तो भारत को ब्रिटेन से होने वाले निर्यात पर 85 परसेंट टैरिफ कम हो जाएगा. यह भारत के दूसरे बड़े एक्सपोटर्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. 2024 में अमेरिका ने भारत में 39 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया था.
भारत और ब्रिटेन के बीच समझौते से अमेरिका से भारत के लिए 1.24 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट डगमगा सकता है, जो भारत को होने वाले कुल निर्यात का लगभग 3.2 परसेंट है. तांबा और लोहे का कचरा और स्क्रैप जैसे अमेरिकी एक्सपोर्ट्स पर सबसे ज्यादा जोखिम है, जिनकी वैल्यू 70.3 करोड़ डॉलर है.
इसके अलावा, मशीनरी, ऑटो पार्ट्स, कॉन्टैक्ट लेंस और मेडिकल डिवाइस जैसी कैटेगरी पर भी खतरे की घंटी लटक रही है. अब जब ब्रिटेन को भारत में भेजे जाने वाले प्रोडक्ट्स पर कम टैक्स का लाभ मिलेगा, तो बेशन अमेरिकी एक्सपोटर्स को इन सेक्टर्स में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
जापान सहित इन देशों को भी नुकसान की संभावना
हालांकि, अकेला अमेरिका ही नहीं, बल्कि इस लिस्ट में जापान का भी नाम शामिल है. UN COMTRADE की डेटा के मुताबिक, जापान ने पिछले साल भारत में 19.9 अरब डॉलर के सामान का एक्सपोर्ट किया था.
भारत-यूके FTA में जापान को अपने 2.2 परसेंट निर्यात में प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है. भारत के लिए यूरोपीय यूनियन के 1.7 परसेंट के एक्सपोर्ट का ब्रिटेन के उत्पादों के साथ सीधा मुकाबला होगा. ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के भी एक्सपोर्ट पर क्रमश: 1.6 परसेंट और 1.4 परसेंट का असर पड़ सकता है.
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