IPL 2025 के बीच हाई कोर्ट ने RCB को दिया बड़ा झटका, जानें क्या है पूरा मामला

IPL 2025 के बीच हाई कोर्ट ने RCB को दिया बड़ा झटका, जानें क्या है पूरा मामला


IPL 2025, Delhi High Court, RCB: आईपीएल 2025 के बीच रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दरअसल, आरसीबी ने सनराइजर्स हैदराबाद के क्रिकेटर ट्रेविस हेड के एक विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी है. 

दिल्ली हाई कोर्ट ने आरसीबी की वो याचिका सोमवार को खारिज कर दी, जिसमें सनराइजर्स हैदराबाद के क्रिकेटर ट्रेविस हेड को लेकर बनाये गए उबर मोटो के कथित अपमानजनक यूट्यूब विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया गया था. 

न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने कहा कि इस विज्ञापन में किसी हस्तक्षेप की अभी आवश्यकता नहीं है. अदालत ने कहा, उक्त विज्ञापन क्रिकेट के खेल, खेल भावना के संदर्भ में है और अदालत की राय में, इस अर्जी पर विचार करते समय इस स्तर पर अदालत के किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. 

अदालत ने कहा कि इस मामले में इस स्तर पर इस अदालत द्वारा हस्तक्षेप करना अनुचित होगा, इसी वजह से आरसीबी की अर्जी खारिज की जाती है. अदालत ने यह आदेश आरसीबी की अंतरिम अर्जी पर सुनाया है. हालांकि, अभी विस्तृत आदेश आना बाकी है. 

रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ यह दावा करते हुए एक वाद दायर किया है कि उबर मोटो का यूट्यूब विज्ञापन ‘‘बैडीज इन बेंगलुरु जिसमें ट्रैविस हेड नजर आते हैं’’ उसके ट्रेडमार्क का अपमान करता है. 

इससे पहले, वीडियो विज्ञापन का वर्णन करते हुए, आरसीबी के वकील ने कहा कि क्रिकेटर ‘‘बेंगलुरु बनाम हैदराबाद’’ के साइनेज को विरूपित करने के उद्देश्य से बेंगलुरु क्रिकेट स्टेडियम की ओर दौड़ते हुए देखे जा सकते हैं, वह एक स्प्रे पेंट लेते हैं और बेंगलुरु के पहले ‘रॉयली चैलेंज्ड’ लिख देते हैं, जिससे यह ‘रॉयली चैलेंज्ड बेंगलुरु’ बन जाता है, जो आरसीबी के ब्रांड का अपमान करता है. 

वकील ने दलील दी कि जब कोई नकारात्मक टिप्पणी की जाती है, तो वहां अपमान होता है. उन्होंने कहा कि सनराइजर्स हैदराबाद आईपीएल टीम का वाणिज्यिक प्रायोजक होने के नाते उबर मोटो, राइड बुकिंग के अपने उत्पाद का प्रचार करते समय, अपने व्यापार के दौरान आरसीबी के ट्रेडमार्क का उपयोग कर रहा है, वह भी इसके ‘भ्रामक रूप में’, जो कानून के तहत अस्वीकार्य है.

उबर की ओर से पेश वकील ने कहा कि आरसीबी ने आम जनता की हास्य भावना को ‘बहुत कम करके आंका’ है. उबर के वकील ने कहा कि अच्छा हास्य और मजाक विज्ञापन संदेश का अभिन्न अंग हैं और अगर आरसीबी द्वारा प्रस्तावित इस तरह के मानक को लागू किया जाता है, तो ये कारक ‘‘खत्म हो जाएंगे.

सोशल मीडिया मंच पर विज्ञापन को तब तक 13 लाख बार देखा जा चुका है और उपयोगकर्ताओं की ओर से कई टिप्पणियां भी की गई हैं. 

(इस स्टोरी में काफी इनपुट न्यूज एजेंसी पीटीआई से लिया गया है)



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