देश की जानी-मानी ऑनलाइन फैशन कंपनी Myntra अब ED के निशाने पर है. ED ने Myntra Designs Pvt. Ltd., उससे जुड़ी कंपनियों और उनके डायरेक्टर्स के खिलाफ विदेशी मुद्रा कानून (FEMA) के तहत करीब 1654 करोड़ रुपये की गड़बड़ी को लेकर मामला दर्ज किया है.
ED को जानकारी मिली थी कि Myntra और उसकी ग्रुप कंपनियां भारत की विदेशी निवेश (FDI) नीति को अनदेखी कर रहे हैं. इन्होंने होलसेल बिजनेस दिखाकर असल में रिटेल कारोबार किया.
ऐसे होलसेल बिजनेस के नाम पर रचा खेल
जांच में पता चला कि Myntra ने दावा किया कि वो होलसेल बिजनेस कर रही है, जिससे उसने 1654 करोड़ से ज्यादा का विदेशी निवेश हासिल किया, लेकिन असल में Myntra ने अपने सभी प्रोडक्ट्स एक दूसरी कंपनी Vector E-Commerce Pvt. Ltd. को बेचे, जिसने बाद में वो सामान आम ग्राहकों को बेचा.
Myntra और Vector दोनों एक ही ग्रुप की कंपनियां हैं. Myntra ने सारे प्रोडक्ट्स अपनी ही ग्रुप कंपनी को बेचे और उसे ‘बिजनेस टू बिजनेस’ ट्रांजैक्शन दिखाया. इसके बाद Vector ने वही प्रोडक्ट्स कस्टमर्स को ‘बिजनेस टू कस्टमर’ के तौर पर बेच दिए.
क्या कहता है FDI का नियम?
FDI नीति के मुताबिक, कोई भी होलसेल कंपनी अपनी ग्रुप कंपनी को सिर्फ 25% तक ही सामान बेच सकती है, लेकिन Myntra ने तो 100% माल अपनी ही ग्रुप कंपनी को बेच दिया, जो सीधा कानून का उल्लंघन है. Myntra ने 2010 की FDI गाइडलाइंस और FEMA की धारा 6(3)(b) का उल्लंघन किया है.
ED ने इस पूरे मामले में FEMA की धारा 16(3) के तहत न्यायनिर्णायक प्राधिकारी के सामने शिकायत दर्ज कर दी है. अब ED इस मामले की कानूनी जांच और कार्रवाई करेगा. अगर Myntra दोषी पाई जाती है तो उस पर भारी जुर्माना लग सकता है या आगे की कार्रवाई हो सकती है.