पाकिस्तान ने अपनी सैन्य गतिविधियों को लेकर एक और बड़ा कदम उठाया है. एयर एक्सरसाइज के बाद अब पाकिस्तान ने अरब सागर क्षेत्र में मिसाइल परीक्षण की तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत पाकिस्तान ने 23 जुलाई से 25 जुलाई के बीच उत्तरी अरब सागर क्षेत्र में नौसेना की ओर से लाइव फायरिंग ड्रिल (मिसाइल फायरिंग अभ्यास) को लेकर नोटम (Notice to Airmen) जारी किया है. इसका मतलब है कि इन तारीखों में इस इलाके में एयर और नेविगेशन गतिविधियों पर असर पड़ेगा.
पाकिस्तान की सेना ने हाल ही में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम शाहीन-3 मिसाइल का परीक्षण किया, लेकिन यह टेस्ट पूरी तरह विफल रहा. मिसाइल अपने लक्ष्य से भटक गई और डेरा गाजी खान (पंजाब प्रांत) में एक परमाणु केंद्र के पास विस्फोट हुआ. इसका मलबा बलूचिस्तान के डेरा बुगटी जिले के मट्ट क्षेत्र में जा गिरा, जो नागरिक बस्तियों से महज 500 मीटर की दूरी पर था. लूप सेहरानी लेवी स्टेशन के पास ग्रेपन रैवाइन में गिरा मलबा तेज धमाके का कारण बना, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई.
पाकिस्तान की मिसाइल क्षमताओं पर सवाल
इस हादसे के बाद पाकिस्तान की सेना ने इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी, मीडिया कवरेज पर रोक लगाई और नागरिकों को घरों में रहने के निर्देश दिए. यह घटना न सिर्फ पाकिस्तान की मिसाइल क्षमताओं पर सवाल उठाती है, बल्कि बलूचिस्तान में आम लोगों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ाती है.
शाहीन-3 मिसाइल क्या है?
शाहीन-3 पाकिस्तान की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज लगभग 2750 किलोमीटर है. यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसका निर्माण चीन की तकनीकी मदद से 2000 के दशक में शुरू हुआ था. पाकिस्तान इसे भारत के रणनीतिक जवाब के रूप में देखता है, लेकिन बार-बार के असफल परीक्षण इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाते हैं.
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