PAK के हमदर्दों की दुकानों के शटर डाउन! आतंकियों का साथ देना तुर्किए और अजरबैजान पर पड़ेगा भारी

PAK के हमदर्दों की दुकानों के शटर डाउन! आतंकियों का साथ देना तुर्किए और अजरबैजान पर पड़ेगा भारी


India Against Turkey: भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के दौरान तुर्किए और अजबैजान ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया. यहां तक तुर्किए ने तो ड्रोन सप्लाई भी की. इस चीज को देखते हुए भारत के अंदर इन दोनों देशों को लेकर बहुत ज्यादा गुस्सा है और इन देशों का बॉयकॉट किया जा रहा है. भारत के लोग इन दोनों देशों की यात्राएं तो कैंसिल कर ही रहे हैं, साथ में किसी भी तरह के व्यापार की मनाही की जा रही है.

ऑनलाइन ट्रैवल कंपनियों ने भारतीय नागरिकों को तुर्की न जाने की सलाह दी है. भारतीय व्यापारियों ने भी अनौपचारिक बहिष्कार शुरू कर दिया है, जिसमें तुर्की के सेब और संगमरमर की खरीद में उल्लेखनीय गिरावट शामिल है. ऐसे में समझते हैं कि भारत के बॉयकॉट से इन दोनों देशों के बिजनेस पर क्या असर पड़ेगा.

तुर्किए में भारतीय नागरिक

तुर्किए में लगभग 3,300 भारतीय नागरिक रहते हैं. वे मुख्य रूप से वाणिज्यिक संगठनों, बैंकों और कंप्यूटर फर्मों, विश्वविद्यालयों आदि में काम कर रहे हैं. इसके अलावा तुर्किए में लगभग 400 भारतीय छात्र भी हैं.

भारत-तुर्किए व्यापार

वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत और तुर्किए के बीच कुल व्यापार – 67,859 करोड़ रुपये का रहा. वहीं तुर्किए को भारतीय निर्यात की अगर बात करें तो ये 43,919 करोड़ रुपये (भारत के कुल निर्यात का लगभग 1.5%) है.

तुर्की को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख उत्पाद – खनिज ईंधन और तेल, ऑटो पार्ट्स, मशीनरी/यांत्रिक उपकरण, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, प्लास्टिक, वस्त्र (मानव निर्मित फाइबर, कपास/सूती धागा/सूती वस्त्र) और इस्पात (स्टील उत्पाद) आदि हैं.

तुर्की से भारतीय आयात

23,940 करोड़ रुपये (भारत के कुल आयात का लगभग 0.5%). तुर्की से आयात किए जाने वाले प्रमुख उत्पाद- मशीनरी, निर्माण सामग्री जैसे संगमरमर (ब्लॉक और स्लैब), सेब, सोना, सब्जियां, सीमेंट, खनिज तेल, रसायन और धातुएं आदि हैं. भारत के लिए ट्रेड बैलेंस – (+)19,979 करोड़ रुपये (तुर्की से आयात की तुलना में भारत तुर्की को अधिक निर्यात करता है.)

FDI

अप्रैल 2000 – दिसंबर 2023 की अवधि के लिए:

तुर्किये से भारत में निवेश (FDI) – करीब 1,900 करोड़ रुपये था.

तुर्किये में कुल भारतीय निवेश (FDI ) – करीब 1,300 करोड़ रुपये था.

2024 में भारतीयों की तुर्की यात्रा

ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) और ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीएएफआई) ने 9 मई को घोषणा की कि वे अब तुर्किए और अजरबैजान के लिए पैकेजों का प्रचार या बिक्री नहीं करेंगे.

तुर्किये में भारतीय पर्यटक- 330,000 (3.3 लाख)

तुर्किए में प्रति भारतीय पर्यटक अनुमानित व्यय 3.35 लाख रुपये है.

तुर्किए में भारतीयों की ओर से कुल व्यय – 11,055 करोड़ रुपये.

तुर्किए एक ऐसा देश है जो पर्यटन पर अत्यधिक निर्भर है.

टूरिज्म देश के सकल घरेलू उत्पाद में 12 प्रतिशत का योगदान देता है.

देश में कुल रोजगार में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 10 प्रतिशत है.

भारत तुर्की के सबसे तेजी से बढ़ते सोर्स मार्केट में से एक है.

अजरबैजान में भारतीय पर्यटक

2024 में 2,43,589 भारतीय पर्यटक पहुंचे थे. 

अजरबैजान पर्यटन बोर्ड को अब से लेकर अगले 10 सालों तक 11 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है.

भारतीय आमतौर पर अजरबैजान में प्रति यात्रा 1.25 लाख रुपये खर्च करते हैं

अजरबैजान में भारतीयों की ओर से कुल व्यय– 3,045 करोड़ रुपये.

ज्यादातर व्यय परिवहन (54%), आवास (19%), और भोजन (16%) पर होता है.

असर

7 मई से अब तक इन गंतव्यों के लिए 50% से अधिक हॉलिडे पैकेज बुकिंग रद्द कर दी गई है, जबकि कई ग्राहक पुनर्निर्धारित करने या वैकल्पिक स्थानों पर जाने का विकल्प चुन रहे हैं.

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