PM मोदी को मिलती है माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाले फ्रेशर से भी कम सैलरी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

PM मोदी को मिलती है माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाले फ्रेशर से भी कम सैलरी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट


भारत के प्रधानमंत्री का पद दुनिया के सबसे शक्तिशाली पदों में से एक है. लेकिन, अगर हम कहें कि इस पद पर बैठे व्यक्ति को जो सैलरी मिलती है, वह माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाले फ्रेशर सॉफ्टवेयर डेवलपर की औसत सैलरी से भी कम होती है तो क्या आप भरोसा करेंगे. चलिए, आज आपको बताते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री को कितनी सैलरी मिलती है.

माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वालों को कितनी मिलती है सैलरी

एंबीशन बॉक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाले फ्रेशर की सैलरी औसतन 12 लाख से 50 लाख के बीच हो सकती है. जबकि, फ्रेशर सॉफ्टवेयर डेवलपर की औसत सैलरी 12.4 लाख से 51 लाख सलाना के बीच हो सकती है. ये सैलरी भारत के पीएम को मिलने वाली सालाना सैलरी से भी ज्यादा है.

भारत के प्रधानमंत्री की सैलरी

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर महीने सिर्फ 1.66 लाख का वेतन मिलता है. हालांकि, देश के पीएम को मिलने वाली सुविधाओं को अगर देखेंगे, तो आप इस कम सैलरी को भूल जाएंगे. दरअसल, किसी भी देश के पीएम का पद पूरी दुनिया के सामने उस देश का चेहरा होता है, इसलिए उस पद पर बैठे व्यक्ति को कई तरह की खास सुविधाएं दी जाती हैं.

प्रधानमंत्री को मिलने वाली सुविधाओं की बात करें तो उनके पास SPG सुरक्षा, सरकारी दौरे के लिए Air India One जैसी एक्सक्लूसिव फ्लाइट और दिल्ली के पॉश इलाके में 7, रेसकोर्स रोड पर उनका सरकारी आवास है. इसके अलावा, भी उन्हें कई और तरह की भी सुविधाएं मिलती हैं.

भारत के राष्ट्रपति की सैलरी

भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठने वाले राष्ट्रपति को हर महीने 5 लाख रुपये की सैलरी मिलती है. यह सैलरी 2018 में अरुण जेटली द्वारा घोषित बजट में बढ़ाई गई थी. लेकिन राष्ट्रपति को मिलने वाली सुविधाएं उनकी सैलरी से कहीं ज़्यादा वैल्यू रखती हैं.

उन्हें देश में कहीं भी हवाई जहाज, रेल या स्टीमर से मुफ्त यात्रा करने का अधिकार है. साथ ही एक साथी को भी साथ ले जाने की अनुमति होती है, वो भी सरकार के खर्चे पर. राष्ट्रपति को एक फर्निश्ड सरकारी बंगला, दो लैंडलाइन (एक इंटरनेट के लिए), एक मोबाइल और 5 निजी कर्मचारी भी मिलते हैं. इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाएं और इलाज पूरी तरह मुफ्त हैं.

उपराष्ट्रपति की सैलरी

भारत के उपराष्ट्रपति को भी 2018 में वेतन में बढ़ोतरी मिली थी. अब उन्हें हर महीने 4 लाख रुपये सैलरी दी जाती है. भारत के उपराष्ट्रपति संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, इसलिए उनकी भूमिका बेहद अहम मानी जाती है.

सांसदों की सैलरी कितनी होती है

अब बात करते हैं उन जनप्रतिनिधियों की जो आपके वोट से संसद में पहुंचते हैं, यानी सांसदों की सैलरी की. एक सांसद को हर महीने 1 लाख की बेसिक सैलरी मिलती है. इसके अलावा, उन्हें दैनिक भत्ता, रहने के लिए बंगला या फ्लैट, ट्रैवल भत्ता और स्टाफ व ऑफिस खर्च के लिए अलग बजट भी मिलता है.

हर 5 साल में सांसदों की सैलरी की समीक्षा की जाती है और आवश्यकतानुसार इसमें बढ़ोतरी होती है. हालांकि, सैलरी के अलावा उन्हें मिलने वाले अन्य भत्ते और सुविधाएं उनकी कुल कमाई को कई गुना बढ़ा देते हैं.

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