PoK में खुलेआम घूमता दिखाई दिया मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर, क्या भारत को सौंपेगा पाकिस्तान?

PoK में खुलेआम घूमता दिखाई दिया मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर, क्या भारत को सौंपेगा पाकिस्तान?


भारत के खुफिया एजेंसियों को बड़ा इनपुट मिला है. दरअसल, जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख और भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में छिपा हुआ है. यह स्थान उसके पुराने गढ़ बहावलपुर से करीब 1000 किलोमीटर दूर है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है.

इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा था कि अजहर अफगानिस्तान में हो सकता है. उन्होंने बयान दिया था, “अगर भारत सरकार यह जानकारी दे कि वह पाकिस्तान में है तो हम उसे गिरफ्तार करने को तैयार हैं.” लेकिन अब जो नई जानकारी सामने आई है वह इस दावे को कमजोर करती है और पाकिस्तान की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और सवालों के घेरे में ले आती है.

पठानकोट और पुलवामा हमलों का मास्टरमाइंड

आतंकी मसूद अजहर को 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले और 2019 के पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे. उसके खिलाफ भारत के पास पुख्ता सबूत हैं और उसे संयुक्त राष्ट्र पहले ही अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर चुका है.

जैश-ए-मोहम्मद फैला रहा भ्रम

इस बीच, जैश-ए-मोहम्मद के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर लगातार मसूद अजहर के पुराने ऑडियो संदेशों को दोबारा चलाकर यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि वह अभी भी बहावलपुर में मौजूद है, लेकिन खुफिया सूत्र इन दावों को भ्रामक मानते हैं.

क्यों अहम है गिलगित-बाल्टिस्तान?

गिलगित-बाल्टिस्तान वह क्षेत्र है जो रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) भी यहीं से होकर गुजरता है. ऐसे में मसूद अजहर की मौजूदगी इस क्षेत्र को और अधिक अस्थिर बना सकती है.

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर पड़ सकता है असर

अगर मसूद अजहर की मौजूदगी की पुष्टि होती है तो यह पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी दावों की पोल खोल सकती है. भारत पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान से इस आतंकी को सौंपने की मांग कर चुका है. अब इस नई लोकेशन के खुलासे के बाद पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ सकता है.

क्या होगी अगली रणनीति?

भारतीय खुफिया एजेंसियां अब उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं. साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान वास्तव में उसकी गिरफ्तारी के लिए कदम उठाएगा या एक बार फिर बहानेबाजी का सहारा लेगा.

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