<p style="text-align: justify;">पाकिस्तान सुपर लीग (PSL)2025 का फाइनल मुकाबला लाहौर कलंदर्स के लिए जितना रोमांचक रहा,उतनी ही दिलचस्प रही उनके स्टार ऑलराउंडर सिकंदर रजा की मैदान तक पहुंचने की कहानी. एक दिन पहले इंग्लैंड के ट्रेंट ब्रिज मैदान पर टेस्ट मैच खेल रहे सिकंदर रजा ने पीएसएल फाइनल खेलने के लिए जो सफर तय किया , वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>टेस्ट से PSL तक : एक दिन, तीन देश,और टॉस से पहले की रेस</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सिकंदर रजा इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में शानदार 60 रन बनाकर अपनी टीम के लिए अहम योगदान दे चुके थे, लेकिन उनका दिल PSL फाइनल में लाहौर कलंदर्स के लिए खेलने के लिए बैचेन था. PSL फाइनल में अपनी टीम के लिए खेलने की चाह में सिकंदर रजा ने इंग्लैंड से दो फ्लाइट्स लीं. रास्ते में खुद गाड़ी चलाई और दुबई होते हुए लाहौर पहुंचे.</p>
<p style="text-align: justify;">इसके बाद उन्होंने मैदान में अपनी टीम के लिए मैच विनिंग पारी भी खेली. सफर इतना लंबा और थकान से भरा था कि उन्होनें बर्मिंघम में डिनर, दुबई में ब्रेकफास्ट और अबू धाबी में लंच किया. वो मैदान में टॉस से महज 10 मिनट पहले पहुंचे. आमतौर पर खिलाड़ी इतने लंबे सफर के बाद रेस्ट करते हैं, लेकिन सिकंदर रजा सीधे मैदान पर उतरे और आखिरी तक खड़े होकर अपनी टीम के लिए मैच विनिंग पारी खेली.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आखिरी ओवर का तूफान और जीत का जश्न</strong></p>
<p style="text-align: justify;">लाहौर कलंदर्स को जीत के लिए 2 ओवर में 31 रन चाहिए थे और सिकंदर रजा भी उस वक्त पिच पर मौजूद थे. जब मुकाबला अंतिम ओवर तक पहुंचा तो उस समय टीम को 6 गेंदो में 13 रन की आवश्यकता थी, तभी सिकंदर रजा ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से ओवर की चौथी और पांचवी गेंद पर लगातार 2 छक्के लगाकर लाहौर कलंदर्स को छह विकेट से जीत दिला दी.</p>
<p style="text-align: justify;">मात्र 7 गेंदो में 22 रन की धुंआधार पारी खेलकर रजा ने मैच का रूख पूरी तरह से पलट दिया. उनके साथ क्रीज पर मौजूद श्रीलंकाई बल्लेबाज कुसल परेरा ने भी 31 गेंदो पर 62 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली और टीम को तीसरी बार PSL चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई.</p>
<p style="text-align: justify;">मैच के बाद सिकंदर रजा ने कहा कि वो थके हुए थे लेकिन उन्हें पता था कि टीम को उनकी जरूरत है. वह हर गेंद को बाउंड्री के बाहर पहुचाने के लिए तैयार थे और किसी भी हालत में यह मौका गंवाना नहीं चाहते थे.</p>
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